दाम्पत्य गाथा :
अष्टपदी की सी सुललित गति
सप्तपदी के व्रती चरण
पूर्णचंद्र - छवि , मुस्कानों में
कलापूर्ण अभिनवीकरण !
स्निग्ध सुगन्धित केश राशि को
किए करों में पुंजीकृत ;
जूड़ा बाँध रही हो, या तुम,
साध रही हो वशीकरण !
स्व . पं. नरेंद्र शर्मा
विवाह : नरेंद्र शर्मा एवं सुशीला गोदीवाला
दिनांक : १२ मई १९४७
स्थान : बंबई , भारत
विवाह : नरेंद्र शर्मा एवं सुशीला गोदीवाला
दिनांक : १२ मई १९४७
स्थान : बंबई , भारत
( ફોટો : અમ્મા શ્રીમતી સુશીલા નરેન્દ્ર શર્મા )
अम्मा सुशीला )
और पापा की बेटी)
- लावण्या
4 comments:
यह तो किसी पुण्य-कथा का अंश लग रहा है.कवि के अंतःकरण का प्रेम-राग जब भावनाओं मे बह चले तब ऐसे अनुपम काव्य का उद्भव होता है.
कविवर नरेन्द्र शर्मा की इन पंक्तियों और चित्रों के लिए के लिए आभार !
आँखों में सपने मनमोहक
पाँवों में मैके का मोह
मन्त्रों की रुनझुन लेकर
गोरी चली पिया के देश …… पापा जी के आशीर्वाद संग बहन की मीठी बातें
..बहुत सुंदर लिखा है
नागर जी द्बारा लिखित आपके पापाजी के विवाह का संस्मरण याद आ गया।
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