महरिष गुंजार समिति द्वारा आयोजित किये गये समारोह में श्रीआर पी शर्मा“महरिष” जी की “मेरी नज़र में” एवं श्रीमती देवी नागरानीके ग़ज़ल संग्रह “दिलसे दिल तक”, डॉ॰अंजना संधीर द्वारासंपादित “प्रवासी आवाज़” इन तीनो पुस्तकों का विमोचन ११ तारीख, रविवार २००८ शाम४ बजे,आर डी नैशनल कालेज के कॉन्फ्रेन्स रूम में संपन्न हुआ. कार्य दो सत्रों में हुआ पहला विमोचन, दूसरा काव्यगोष्टी.
प्रथम सत्र
में अध्यक्ष रहे श्री राम जवाहरानी (चेयर परसन-सहयोग फौंडेशन) ,श्री नँदकिशोर नौटियाल (कार्याध्यक्ष-महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादेमी एवं संपादक नूतन सवेरा), श्री आर. पी शर्मा(पिंगलाचार्य).श्री मा.ना. नरहरी ( वरिष्ठ शायर व समीक्षक )और श्री गणेश बिहारी तर्ज़, डा॰ सुशीला गुप्ता,( संपादक- हिंदुस्तानी ज़ुबान ) डॉ॰ राजम नटराजन पिल्लै( संपादक-कुतुबनुमा), श्री खन्ना मुज़फ़्फ़रपुरी ( वरिष्ठ शायर) व देवी नागरानी. श्री मधुप शर्मा जी ने जो एक उत्तम ग़ज़लकार हैं, और उन्होंने आर पी शर्मा “महरिष” की पुस्तक मेरी नज़र में का लोकार्पण किया.श्री गणेश बिहारी “तर्ज़” ने देवी नागरानी जी के ग़ज़ल संग्रह दिल से दिल तक का विमोचन किया. डॉ॰अंजना संधीर द्वारा संपादित “प्रवासी आवाज़” का विमोचन डॉ॰ सुशीला गुप्ता ने किया. समारोह का कार्यक्रम सफलता पूर्वक संपन्न हुआ. संचालान का भार पहले सत्र में श्री अनंत श्रीमाली ने खूब निभाया.
द्वीतीय सत्र
में संचालान की बागडौर श्री जयप्रकाश त्रिपाठी जी ने बड़ी ही रोचकतपूर्ण अंदाज़ से संभाली.श्रीमुरलीधर पांडे्य संयोंजक रहे इस कार्य के और समारोह में वरिष्ट साहित्यकार व महमान जो पधारे थेः श्री धनराज चौधरी, श्री गिरिजा शंकर त्रिवेदी, जनाब माहिर जी, दीनानाथ शर्मा, श्री गोपीचंद छुग, अनील गहलोत, श्री टी. मनवानी आनंद, श्री अरविंद राही, श्री उदासीन साहिब, प्रभा कुमारी, प्रो॰ शोभा बंभवानी, हरी व पायल नागरानी, देवीदास व लता सजनानी, उषा जेसवानी, नंदलाल थापर, प्रो॰ लखबी वर्मा और श्रीमती जे. जोशी. कविता पाठ में शरीक रहे श्री गणेश बिहारी तर्ज़, मधुप शर्मा, मा, ना. नरहरी साहब, देवी नागरानी, सेतपाल जी (प्रोत्साहन के संपादक), लोचन सक्सेना, श्री शिवदत्त अक्स, गीतकार कुमार शैलेंद्र जी, श्री रमाकांत शर्मा, श्री संजीव निगम, मरियम गज़ला, ज़ाफर रज़ा, नीरज कुमार, जनाब अहमद वसी, कवि कुलवंत, श्री राम प्यारे रघुवंशी जी, डॉ॰शेलेश वफा, नंद हिंदूजा आनंद, रोचल नागवानी, श्री विजय भटनागर, भैरवानी जी,कपिल कुमार, रेखा किंगर, नीरज गोस्वामी, कपिल कुमार, प्रेमलता त्रिपाठी, आर्य भूषण, मोना अल्वी, शिल्पा सोनटके व अन्य कई रचनाकार व साहित्यकार, जिन्हों ने अपनी अपनी रचनाओं का पाठ किया और महफिल को शब्द सरिता के सजा दिया. जयहिंद
गजलः 32
खामोशी में जो अश्क पले
क्या छुपते भला मुस्कान तले.
हर दिल में धुआं क्यूँ उठता है
क्यों अरमानों की होली जले?
दिल डूब गया सूरज के सँग
क्यों चांद न आया रात ढले.
बेनूर हुई दुनियाँ सारी
मस्तानों के ये बात खले.
पत्थर का दिल जब जब धड़के
ख़्वाबों को जैसे ख़्वाब छले.
रौशन रौशन है सब राहें
दीपों में किसका खून जले. १२०
लौ दर्दे-दिल की
मशहूर गज़लकारा, शायरी के हुनर मे माहिर , संवेदनाशील व्यक्तित्व की धनी ,
देवी जी के प्रोफाईल से उन्हीं के शब्द लायी हूँ
--Devi
Nangrani
About Me
Zindagi kya hai?
समय के साहिल पर खड़ी रेत के घरोंदे को ढहते हुए देखती हूँ तो लगता है मैं ख़ुद भी बारबार मिट्टी से खेलती रही हूँ..!!
Interests
शिकागो शहर, मध्य अमरीका का सबसे बड़ा शहर है . इलीनोईस प्रांत के उत्तर मे मिशीगन लेक के किनारे बसा शिकागो
शिकागो मे मनाया विवाहोत्सव
|
8 comments:
आप दिल से लिखती है और दिल में सीधे उतर जाते हैं आपके यादगार पल... देवीजी के बारे मे जानकर बहुत अच्छा लगा...
देवी नागरानी जी का मुझ पर आप सा ही अपार स्नेह है...उनके बारे में जो भी पढ़ूं, मन हर्षित हो जाते है.
उनके आशीष की छाया में मंच पर भी उनका सानिध्य प्राप्त किया...और आशीर्वाद तो खैर उनका हमेशा ही मेरे साथ है.
अच्छा लगा आपका आलेख.
हमेशा की तरह रोचक कम्प्लीट पॅकेज ...
अच्छा लगा आपका यह विवरण पढकर। आभार।
------
जादुई चिकित्सा !
ब्लॉग समीक्षा की 23वीं कड़ी...।
बहुत बधाई हो, रोचक विवरण।
बहुत बढ़िया रहा ,आभार.
देवी जी के बारे में कहीं सुना जरूर था लेकिन इतने विस्तार से अब जान सका. आभार.
bahut khubsurat...
Post a Comment