सन १८९२ मे , विलियम ' पज ' हेल्फींगर नामक खिलाड़ी को $ ५०० मे फूटबोल के खेल के लिए , अनुबंधित किया गया था जो, उस वक्त के लिए , बहुत बड़ी रकम थी I
Super Bowl XLV- | ||||
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मेरी, आपकी, अन्य की बात
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" हवाई " नाम के टापू पर , अमरीका का अधिकार था , हवाई टापू के ' पर्ल हार्बर ' पर, जापानी सता ने अचानक हमला किया - हवाई पर आक्रमण हुआ हवाई जहाज़ों से बमबारी आरम्भ की गयी तब अमरीकी सता को युध्ध मे मजबूरन दाखिल होना पडा था .
अमरीका उस वक्त तक , विश्व युध्ध मे शामिल न होकर, तटस्थ रहा था - यूरोप मे विश्व युध्ध जोरों से जारी था . जर्मनी के सतासीन राष्ट्र प्रमुख हिटलर के निर्देश मे जर्मनी , हिटलर की नाजी सत्ता के नेतृत्त्व मे , एक के बाद एक राज्यों को परास्त कर , हथिया रहा था .ख़ास तौर से, यहूदी प्रजा पर तो जुल्मों की पराकाष्टा हो रही थी . युध्ध बंदीयों को गेस चेंबर मे नग्न कर के ज़िंदा जला दिया जा रहा था.
इन बंदीगृहों को कंसंट्रेशन केम्प कहते हैं जो नारकीय यातना के केंद्र थे. पोलैंड , आस्ट्रिया, फ्रांस परास्त हो चुके थे - इंग्लैंड , रशिया , जर्मनी से टक्कर लेने की नाकाम कोशिशें कर रहे थे. भारत पराधीन था इंग्लैण्ड के अधीनस्थ भारत मे भी विषम परिस्थितीयाँ फ़ैल रहीं थीं. ये ऊर्जा का तांडव था . आग, हिंसा मृत्यु जहां महाकाली के मर्दन व अट्टहास मे , चहुँओर विनाश लीला मे निमग्न थीं . अमरीका ने अपने बचाव मे , युध्ध मे मर्जी न होते हुए भी , दाखिल होकर , योजनाबध्ध तरीके से , इस विश्व्युध्ध मे भाग लिया और जापान को रोकने के लिए विश्व मे सब से पहली बार अणुबम का उपयोग व प्रयोग किया था. जापान ने हार कबूल करते हुए आत्म समर्पण किया और जर्मनी को भी हार माननी पडी थी. ये था ऊर्जा से जुडा अमरीकी आविष्कार जिसने विश्व की दशा और दिशा बदल दी.
जब प्रकाश या ऊर्जा , नियँत्रित साधनोँ मेँ दीखलाई पडती है जैसे कि दीपक मेँ , तब यही उर्जा व प्रकाश सुख समृध्धि और खुशहाली के सँदेश लाता है.
अर्जुन ने ईश्वर का विश्वरुप दर्शन, कुरुक्षेत्र के युध्ध मैदान मेँ किया जो ऐसे असम्ख्य अणु विस्फोटोँ से भी ज्यादा कई गुणा प्रखर था ऐसी मान्यता है
सौर ऊर्जा से ही मानव जीवन संभव है जो व्योम से प्राप्त होती है। अकटूबर 4 , सन 1957 को सोविएत संघ ने सफलता पूर्वक स्पुतनिक-1 व्योम में लौंच किया ।
जिसका आकार बहुत लघु था। यह विश्व का प्रथम कृत्रिम सेटेलाईट था। यह सागर किनारे माने बीच पर खेलनेवाली बड़ी फूट बोल के जितना ही था । इस बोल का अनुपात 58 सेंटीमीटर या 22 .8 इंच का घेरा लिए हुए था जिसका वज़न महज़ 83.6 किलोग्राम था या 18३.9 पौंड़ था , जिसे पृथ्वी का चक्कर काटने में 98 मिनट लगे थे । इस लौंच के बाद ऐतिहासिक, पोलिटिकल, सैनिक, तकनीकी और वैज्ञानिक आविष्कारों का शुभारम्भ हुआ । स्पुतनिक के आगमन ने 2 महादेशों के बीच विश्व पटल पर अपनी सत्ता व प्रभुता के प्रदर्शन की होड़ भी शुरू करवा दी
उस समय की 2 महासत्ताएँ , सोवियत संघ तथा उत्तर अमरीका ने इस रेस में, अपना वर्चस्व ज़माने की बाज़ी लगा दी और राष्ट्र धन को अंतरिक्ष विज्ञान तथा तकनीकी आविष्कारों के नये क्षेत्र में लगाया और पानी की तरह पैसा बहाना भी शुरू किया था ।
नासा संस्थान इसी प्रतिस्पर्धा से उत्पन्न हुई और शनैः-शनैः विकसित होती गयी और यह प्रतिस्पर्धा तब तलक नहीं थमी कि जब तक अमरीकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्म स्ट्रोंग ने चंद्रमा की धरती पर पहला क़दम रख नहीं दिया । समस्त विश्व को यह ज्ञात हो गया कि अंतरिक्ष-वर्चस्व की इस प्रतिस्पर्धा में सोवियत संघ हार चुका था और सदा-सदा के लिए अमरीका की विजय स्थापित हो चुकी थी।
रात और चाँद : देखिये इस लिंक में, चंद्रमा तक की उड़ान की तैयारी के दृश्य हैं और साथ राष्ट्रपति जोन केनेडी का स्वर भी है
व्योम से, हमारी पृथ्वी एक नील ग्रह सी सुन्दर दीखलाई पड़ती है जहाँ रहनेवाले हम सारे मनुष्य
एक साथ जीयेंगें और एक साथ मरेंगें ...
http://history.nasa.gov/ap11-35ann/apolloMusicComp.MOV
एक पग उठा था मेरा परंतु, मानवता की थी एक लम्बी छलाँग !
रात थी, चाँद था, और सन्नाटे में, श्वेत सरंक्षक वस्त्र में
काँच की खिड़की से, पृथ्वी को देखता, "मैं!
अमरीका के भूत पूर्व राष्ट्रपति जोन ऍफ़. केनेडी शायद अमरीकी राजनीति के सबसे सफल तथा प्रजा के सर्व प्रिय नेता रहे हैं तथा 60 के दशक में वे विश्वपटल पर एक प्रभावशाली खिलाड़ी के रूप में पहचाने जाते हैं । उन्हीं के नाम पर अंतरिक्ष संस्थान फ्लोरिडा प्रांत में नासा स्पेस सेंटर के नाम से सन 1958 में स्थापित किया गया था नासा एक अन्त्रीक्स विज्ञान व तकनीकी संस्थान है । जिसका प्रमुख ध्येय अंतरिक्ष विज्ञान तथा अंतरिक्ष में शोध करना तथा पृथ्वी ग्रह को भविष्य में सुरक्षित किस तरह रखना मानव जाति, मानव सभ्यता को आकाश तथा व्योम में बहुत दूर तक ले चलना यही रहा है । नासा संस्थान में कई तकनीकी आविष्कार किये गये हैं जिनका उपयोग आम इंसानों की ज़िंदगी में भी व्याप्त हुआ है । अंतरिक्ष यात्री को तैयार करना, अंतरिक्ष की अधिकाधिक जानकारी एकत्र करना गृह नक्षत्र तारों से सम्बंधित हमारे सौर मंड़ल में स्थित हर ग्रह का सटीक ज्ञान दर्ज करने से लेकर भावी-पीढी को अंतरिक्ष यात्रा तथा व्योम के प्रति आकर्षित करना ये भी नासा का कार्य क्षेत्र है ।
नासा में निहित 4 अक्षर हैं "एन ए एस ए" इनका बृहत अर्थ है =
नेशनल एरोनॉटिक्स और स्पेस ऐड्मिनीस्त्ट्रेशन (NASA)।
कुछ सचित्र झलकियाँ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
http://history.nasa.gov/ap11-35ann/kippsphotos/apollo.html
यह चित्र देखें : डिस्कवरी अंतरिक्ष वायु यान को एसेम्बली प्लांट में एक एक कल पूर्जा लगाकर जोड़-जोड़ कर खड़ा किया जा रहा है चित्र को आप बड़ा कर के देख सकते हैं और तब नीचे खड़े इंसानों को देखकर अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ये वास्तव में, कितना विशाल यान है -
चलते चलते हमारी यही दुआ है "एक विश्व, एक स्वप्न" साकार हो !
मा धरती तुम्हें शत शत प्रणाम !
लावण्यम----अंतर्मनशीर्षक में विषय-वस्तु के बीज समाहित होते हैं.लावण्यम----अंतर्मन इसी बीज का पल्ल्वीकरण है.हृदयेन सत्यम (यजुर्वेद १८-८५) परमात्मा ने ह्रदय से सत्य को जन्म दिया है. यह वही अंतर्मन और वही हृदय हैजो सतहों को पलटता हुआ सत्य की तह तक ले जाता है.लावण्य मयी शैली में विषय-वस्तु का दर्पण
बन जाना और तथ्य को पाठक की हथेली पर देना, यह उनकी लेखन प्रवणता है. सामाजिक, भौगोलिक, सामयिक समस्याओं
के प्रति संवेदन शीलता और समीकरण के प्रति सजग और चिंतित भी है. हर विषय पर गहरी पकड़ है. सचित्र तथ्यों को प्रमाणित करना उनकी शोध वृति का परिचायक है. यात्रा वृतांत तो ऐसे सजीव लिखे है कि हम वहीं की सैर करने लगते हैं.आध्यात्मिक पक्ष, संवेदनात्मक पक्ष के सामायिक समीकरण के समय अंतर्मन से इनके वैचारिक परमाणु अपने पिता पंडित नरेन्द्र शर्मा से जा मिलते हैं,
जो स्वयं काव्य जगत के हस्ताक्षर है.पत्थर के कोहिनूर ने केवल अहंता, द्वेष और विकार दिए हैं, लावण्या के अंतर्मन ने हमें सत्विचारों का नूर दिया है.पारसमणि के आगे कोहिनूर क्या करेगा?- डा. मृदुल कीर्तिAll sublime Art is tinged with unspeakable grief.
All Grief is a reflection of a soul in the mirror of life'SONGS are those ANGEL's sound that Unite US with the Divine.'
About me:
Music and Arts have a tremendous pull for the soul and expressions in poetry and prose reflects from what i percieve around me through them.