प्रथम भारतीय ध्वज वीर सावरकर द्वारा निर्मित : सन १९०६ |
एकम सत्य
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कौन रहा अछूता जग में,
सुख दुःख की छैंया से ?
धुप छांह का खेल जिन्दगी
ये सच , जाना पहचाना !
सभी हमारे, हैं सब अपने,
कौन है जग में पराया ?
जीवन धारा एक सत्य है
हर सांस ने जिसे संवारा -
इस छोर खड़े जो,
उस छोर चलेंगे
रह जायेंगे, कुछ सपने
है मौजों के पार किनारा
कहती बहती ये धारा !
अगम अगोचार , सत्य ,
ना जाना, पर, जाना है पार ,
नैन जोत के ये उजियारे
मिल जायेंगे उस में,
जो है बृहत प्रकाश !
- लावण्या
सभी को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ भवानी प्रसाद मिश्र की एकप्रसिद्ध बाल कविता प्रस्तुत है-
( साभार डा. जगदीश व्योम के जाल घर से )
साल शुरु हो दूध दही से
साल खत्म हो शक्कर घी से
पिपरमैन्ट, बिस्कुट मिसरी से
जहें लबालब दोनों खीसें
मस्त रहें सडकों पर खेलें
नाचें कूदें गाएँ ढेलें
ऊधम करें मचाएँ हल्ला
रहें सुखी भीतर से जी से
साँझ, रात, दोपहर, सवेरा
सब में हो मस्ती का डेरा
कातें सूत बनाएँ कपडे
दुनिया में क्यों डरें किसी से
पंछी गीत सुनाएँ हमको
करं दोस्ती पेड फूल से
लहर लहर से नदी नदी से
आगे पीछे ऊपर नीचे
रहें हँसी की रेखा खींचे
पास पडोस गाँव घर बस्ती
प्यार ढेर भर करं सभी से।
-भवानी प्रसाद मिश्र
साल खत्म हो शक्कर घी से
पिपरमैन्ट, बिस्कुट मिसरी से
जहें लबालब दोनों खीसें
मस्त रहें सडकों पर खेलें
नाचें कूदें गाएँ ढेलें
ऊधम करें मचाएँ हल्ला
रहें सुखी भीतर से जी से
साँझ, रात, दोपहर, सवेरा
सब में हो मस्ती का डेरा
कातें सूत बनाएँ कपडे
दुनिया में क्यों डरें किसी से
पंछी गीत सुनाएँ हमको
करं दोस्ती पेड फूल से
लहर लहर से नदी नदी से
आगे पीछे ऊपर नीचे
रहें हँसी की रेखा खींचे
पास पडोस गाँव घर बस्ती
प्यार ढेर भर करं सभी से।
-भवानी प्रसाद मिश्र
और गीत : उड़ जा रे कागा बन का : मीरा भजन : स्वर : लता दी
- Udd Jaa Re Kaaga.mp3 3564K Play Download |
माँ
माँ कबीर की साखी जैसी
तुलसी की चौपाई-सी
माँ मीरा कीपदावली-सी
माँ है ललितस्र्बाई-सी।
माँ वेदों की मूल चेतना
माँ गीता की वाणी-सी
माँ त्रिपिटिक के सिद्धसुक्त-सी
लोकोक्तरकल्याणी-सी।
माँ द्वारे की तुलसीजैसी
माँ बरगद कीछाया-सी
माँ कविता की सहजवेदना
महाकाव्य की काया-सी।
माँ अषाढ़ की पहली वर्षा
सावन की पुरवाई-सी
माँ बसन्त की सुरभि सरीखी
बगिया की अमराई-सी।
माँ यमुना की स्याम लहर-सी
रेवा की गहराई-सी
माँ गंगा की निर्मल धारा
गोमुख की ऊँचाई-सी।
माँ ममता का मानसरोवर
हिमगिरि सा विश्वास है
माँ श्रृद्धा की आदि शक्ति-सी
कावा है कैलाश है।
माँ धरती की हरी दूब-सी
माँ केशर की क्यारी है
पूरी सृष्टि निछावर जिस पर
माँ की छवि ही न्यारी है।
माँ धरती के धैर्य सरीखी
माँ ममता की खान है
माँ की उपमा केवल है
माँ सचमुच भगवान है।
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- डॉ० जगदीश व्योम
तुलसी की चौपाई-सी
माँ मीरा कीपदावली-सी
माँ है ललितस्र्बाई-सी।
माँ वेदों की मूल चेतना
माँ गीता की वाणी-सी
माँ त्रिपिटिक के सिद्धसुक्त-सी
लोकोक्तरकल्याणी-सी।
माँ द्वारे की तुलसीजैसी
माँ बरगद कीछाया-सी
माँ कविता की सहजवेदना
महाकाव्य की काया-सी।
माँ अषाढ़ की पहली वर्षा
सावन की पुरवाई-सी
माँ बसन्त की सुरभि सरीखी
बगिया की अमराई-सी।
माँ यमुना की स्याम लहर-सी
रेवा की गहराई-सी
माँ गंगा की निर्मल धारा
गोमुख की ऊँचाई-सी।
माँ ममता का मानसरोवर
हिमगिरि सा विश्वास है
माँ श्रृद्धा की आदि शक्ति-सी
कावा है कैलाश है।
माँ धरती की हरी दूब-सी
माँ केशर की क्यारी है
पूरी सृष्टि निछावर जिस पर
माँ की छवि ही न्यारी है।
माँ धरती के धैर्य सरीखी
माँ ममता की खान है
माँ की उपमा केवल है
माँ सचमुच भगवान है।
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- डॉ० जगदीश व्योम
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आइये, अब भारत में , और विदेशों में भी भारत के सब से ज्यादह प्रसिध्ध नेहरु परिवार के कुछ अज्ञात या कम जाने पहचाने सदस्यों के बारे में भी थोड़ा जानें ..............
पण्डित मोती लाल जी की धर्म पत्नी श्रीमती स्वरूप रानी थीं
स्वरूप रानी , उनकी दूसरी पत्नी थीं ... ऐसा कहा जाता है कि
( उनकी पहली पत्नी और १ और पुत्र का देहांत हो गया था )
- पंडित मोती लाल जी, पंडित गंगा धर नेहरु जी के पुत्र थे, गंगाधर जी देहली में ब्रिटीश साम्राज्य के एक पुलिस कर्मचारी थे और गंगा धर जी लक्ष्मी नारायण नेहरु जी के सुपुत्र थे ...
Jawaharlal Nehru | |
Nehru, ca. 1927 | |
In office August 15, 1947 – May 27, 1964 |
भारतीय गणतंत्र के प्रथम प्रधान मंत्री ,शपथ ग्रहण करते हुए स सत्ता हस्तरन्र्तित हुई लोर्ड माऊंट बेटन के हाथों से ..भारतीय जनता के हाथों में
ttp://video.google.com/videoplay?docid=6218045611920270760#docid=6986855603795328951
नेहरु जी की दुसरी बहन कृष्णा हठी सिंह :
नेहरु जी की दुसरी बहन थीं कृष्णा हठी सिंह और उनके पुत्र हैं अजितसिंह जिनका विवाह पहले अमृता जी से हुआ था और ३ संतान हैं, निखिल , विवेक और रवि
उनके पुत्र हैं .
अजित सिंह जिनका विवाह - बाद में अमरीकी महिला हेलेन से हुआ : http://en.wikipedia.org/wiki/Ajit_Hutheesing --
२००६ में हेलेन का न्यू योर्क में देहांत हुआ --
http://query.nytimes.com/gst/fullpage.html?res=9402E2DE133AF936A35756C0A9609C8B63
अजित सिंह जिनका विवाह - बाद में अमरीकी महिला हेलेन से हुआ : http://en.wikipedia.org/wiki/Ajit_Hutheesing --
२००६ में हेलेन का न्यू योर्क में देहांत हुआ --
http://query.nytimes.com/gst/fullpage.html?res=9402E2DE133AF936A35756C0A9609C8B63
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प्रियंका गांधी / वाड्रा अपने २ बच्चों के संग पुत्र : रेहान और पुत्री मेयरा साथ बैठी हैं इतालियन नानी माँ , सोनिया गांधी की माँ , पोलो मेनिया ........
राहुल गांधी -------------------------------------->
विजय लक्ष्मी नेहरु पंडित :
२ चित्र
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(अगस्त १८ , १९० 0 - दिसम्बर १ , १९९० )
विजय लक्ष्मी नेहरु , भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु जी की बहन हैं । सन १९२१ में , रंजित सीताराम पंडित से उनका ब्याह हुआ वे प्रथम महिला हैं जिन्होंने सन १९३७ में केबिनेट पोस्ट संभाली थी । सोवियत राष्ट्र संघ , संयुक्तगणराज्य अमरीका और मेक्सिको केलिए भी वे भारतीय प्रतिनिधि बनकर उन देशों में रहीं। ( १९४९ से १९५१ ) आयरलैंड के लिए १९४९ से १९५१ तक और १९५८ से १९६१ तक . स्पेन और संयुक्त ब्रीटीश राष्ट्र संघ में भारत एलची = Ambassador बन कर रहीं थीं सन १९५८ से १९६१ तक . १९४६ से १९६८ उन्होंने भारतीय प्रतिनिधि मंडल की प्रमुख बन कर , यूनाईटेड नेशंस में शिरकत की थी । अब आज्ञा .............बहुत सामान परोस दिया है ...आप के लिए ...
कुछ न कुछ आपको अवश्य , नया लगा होगा इसी आशा सहित, नमस्ते
कुछ न कुछ आपको अवश्य , नया लगा होगा इसी आशा सहित, नमस्ते
15 comments:
आपकी कविता, मिश्र जी की कविता, भजन, फिर नेहरु परिवार की जानकारी...गागर में सागर. बहुत उम्दा पोस्ट रही.
डॉ व्योम का भी आभार आपके साथ साथ.
बहुत उम्दा
-डॉ० जगदीश व्योम की मां पर लिखी कविता तो नायाब है -क्या आपको पता है की नेहरू जी के दादा मुस्लमान थे ??
माँ कबीर की सखी सी ...तुलसी की चौपाई सी ...
माँ पर इतनी सुन्दर कविता प्रस्तुत करने के लिए बहुत आभार ...
सही कहा आपने बहुत सारा सामान परोस दिया है ...एक साहित्यिक पत्रिका की ही मानिंद ...
बहुत आभार ...!!
नेहरू परिवार हमेशा से ही विवादों का केन्द्र रहा है । लेकिन सारे विवादों के बाद भी ये सदैव आकर्षण का भी केन्द्र रहा है । लेकिन इस पोस्ट की सबसे नायाब चीज तो डा जगदीश व्योम की कविता है उनकी लेखनी को मेरा प्रणाम ।कमेंट में लिखी बात नेहरू जी के दादा मुसलमान थे ये बात मेरे लिये हैरत में डालने वाली है इस पर भी रौशनी डालें । आपकी पोस्ट हमेशा के ही तरह ज्ञान को बढ़ाने वाली है ।
बहुत ही सुंदर पोस्ट, नेहरू खानदान के बारे मे एक जगह इतनी जानकरी उपलब्ध करवा दी आपने. बहुत शुभकामनाएं.
रामराम.
आपकी कविता और मिश्र जी की कविता भजन दिल को छू गये। नेहरु परिवार की जानकारी बहुत ही अच्छी लगी। धन्यवाद।
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आपकी कविता, मिश्र जी की कविता बहुत सुंदर लगी धन्यवाद
नैन जोत के ये उजियारे
मिल जायेंगे उस में,
जो है बृहत प्रकाश!
सत्य है.
बहुत ही बढियां!!!
कविताओं के साथ अच्छी जानकारी और दुर्लभ चित्र.
यह पोस्ट तो कविता-चित्र और लेखन का बहुत सुन्दर कोलाज है।
जानकारी के साथ साथ प्रस्तुति बहुत पसन्द आई।
धन्यवाद।
आपका हर पोस्ट कितना कुछ समेटे रहता है दीदी। ये सब एक अतुलनीय खजाना है हमारे इस हिंदी ब्लौग-जगत का।
nice post.
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