देखिये इन्हे इस लिंक में , क्या ज़माना था वो भी,
जब पद्मादी ने सदी के महानायक अमिताभ के साथ
इस फ़िल्म में काम किया था ।
नाम था, "सौदागर "
पद्मादी , अपनी माता जी के संग ,
उत्तर भारत के शायद बनारस शहर से, कई,
उन्हीं की तरह
जब पद्मादी ने सदी के महानायक अमिताभ के साथ
इस फ़िल्म में काम किया था ।
नाम था, "सौदागर "
पद्मादी , अपनी माता जी के संग ,
उत्तर भारत के शायद बनारस शहर से, कई,
उन्हीं की तरह
पहले अपना नसीब आजमाने आयी युवतियों की तरह ,
बंबई आ कर बसीं थीं और ये भी इत्तिफाक था के
हम लोग रहते थे पापाजी के बंबई शहर के खार उपनगर में स्थित
१९ वें रास्ते के घर में और हमारे आगे की सड़क २० वे रोड पे
एक फ्लैट में ,पद्मादी और मां जी रहने आ गयीं ।
आसपास , मोहल्ले में, लोग - बाग़, ये कहने लगे,
' ये लडकी , हिन्दी फिल्मों में काम करेगी । '
वे जब हमारे घर के सामने से गुजरतीं, इठलाती हुई चलतीं ,
तब हम बहने जोर से चिल्लाते ,
" हे गंगा मैया तोहे पिहरी चढ़इवो " .....
और वे मुस्कुरातीं हुई , हाथ हिलाकर हमें खुश करती हुईं चली जातीं !
शायद पहले पद्मादी ने, " गंगा मैया तोहे पिहरी चढ़इवो " ये भोजपुरी भाषा में बनी सबसे पहली फ़िल्म में भी एक छोटा - सा किरदार किया था ।
अब देख लीजिये पदमा जी को, शायद आपको भी , याद आ जाए के मैं किस नायिका कि बात आप से कर रही हूँ ....
लीजिये, देखिये ये लिंक , गीत भी देखिएगा
http://www.youtube.com/watch?v=thTjG0hwybc&feature=
एक और ....
http://www.youtube.com/watch?v=4O_Bf9p0syA&feature=channel
पदमा दी की याद आ गयी जब ये भोजपुरी फिल्मों पर आलेख देखा ।
नई सोच ब्लॉग से :
" भोजपुरी गीतों के साथ साथ फिल्मों के माध्यम से भी
आम लोगों तक पहुंचती रही है
जिसकी शुरुआत हुई सन १९६१ में बनी फिल्म
गंगा मैया तोहे पिहरी चढ़इवो से।
http://naisoch.blogspot.com/2009/06/blog-post_15.html
तब पुरानी यादों को आप तक पहुंचाने का मन बना ...
ये भी देखिएगा ,
http://www.youtube.com/watch?v=zSEShvkZfz0
पद्मा खन्ना का जन्म १० मार्च , को हुआ था।
भोजपुरी फ़िल्म " गंगा मैया तोहे पिहरी चढ़इवो " की
सफलता के बाद ही विजय आनंद को किए देवानंद के आग्रह से ,
इस नयी हेरोइन को फ़िल्म
" जोंनी मेरा नाम " में ,
प्रेमनाथ के साथ एक , आइटम सोंग के लिए ,
लिया गया और उनके डांस ने दर्शकों का ध्यान , बरबस खींचा ।
इसी के साथ , पदमा खन्ना का नाम हिन्दी फ़िल्म जगत में ,
बतौर , सह नायिका और डांसर के रूप में जम गया ।
कत्थक नृत्य शैली कि शिक्षा , पद्मादी ने ,
गुरु जी श्री गोपी कृष्ण से तालीम ली थी ।
रामायण , रामानंद सागर ने बनायी तब कैकेयी का पात्र
पदमा खन्ना को दिया गया ।
पदमा दी का संस्मरण : ( शेष - अशेष पुस्तक से )
" मेरी पहली मुलाक़ात श्री नरेंद्र शर्मा जी से १९६० - ६१ में हुई थी । बंबई आने पर पहला घर लिया उन्हीके तथा चरित्र अभिनेता जयराज जी के घर के सामने । परिचय हुआ, नजदीकियां बढीं और मेरी स्व। माता जी ने उन्हें भाई साहब कहना आरम्भ कर दिया।
आंटी जी और बच्चों से भी मुलाक़ात हुई । फ़िर ये दो महान विभूति ,
मेरे अंकल और आंटी हो गए। तथा , बच्चे मेरे छोटे भाई - बहन !
तब से हर मसले पर उनकी ( पापा जी की ) राय ,
महत्त्वपूर्ण स्थान रखने लगी ।
जीवन के हर अध्याय में, उनकी सलाह ,
मेरे लिए एक स्तम्भ का रूप बन गयी ।
जीवन में कई बदलाव आए ,
कितनी दुखद और सुखद घडियां और दिन आए ,
बीत भी गए किंतु हमारे और अंकलजी के रिश्ते में
कोई भी बदलाव नहीं आया ।
वर्ष में एक दिन ऐसा आता था जब मैं उनसे और आंटी जी से मिले बिना नहीं रहती थी । वह होता था दीपावली का शुभ अवसर !
उस दिन मैं उन लोगों कि चरण वन्दना करने अवश्य जाती थी ।
ऐसा लगता मानों पूरे वर्ष भर के स्नेह, प्यार और आर्शीवाद की बंधी गठरी खोल कर मुझ पर उँडेल देते
और मैं कृत्य कृत्य हो जाती !
पूज्य आंटी का सत्ताईस साल से देखा स्वरूप
सदा ये सोचने पर आ ठहरता
" हर सुहागिन की इतनी सुंदर और मनोरम छवि क्यों नहीं होती ?
गौरवर्ण ललाट पर सिन्दूर की ही लाल बिंदी ,
होठ पान की स्वाभाविक लाली से रचे हुए,
शुध्ध भारतीय रंगों वाली , सूती साडी के परिधान से
उनका व्यक्तित्त्व कुल मिलाकर ऐसा लगता ,
जैसे साक्षात किसी देवी के सामने खड़ी हूँ .... "
आज पद्मादी अमेरिका के , न्यू जर्सी प्रांत में अपने पति के संग रहती हैं ।
२ बेटियाँ हैं । शादी भी हो गयी है अब दोनों की और पद्मादी , यहाँ बसे भारतीय मूल के तथा दुसरे सभी बच्चों को , डांस सीखालातीं हैं ।
वे आग्रह करतीं हैं बच्चों से " शास्त्रीय नृत्य सीखो "
परन्तु, यहाँ के पेरेन्टस भी
बच्चों को स्टेज परफॉर्मेंस ही करवा कर ज्यादा प्रसन्न होते हैं !
१९९६ में पद्मादी की , Indianica Academy - आरम्भ हुई ।
जिसका पता है :
1165Green StreetIselinNew Jersey - ०८८३०
Phone: (732) 404-1900 , (732) 404-1901
बंबई आ कर बसीं थीं और ये भी इत्तिफाक था के
हम लोग रहते थे पापाजी के बंबई शहर के खार उपनगर में स्थित
१९ वें रास्ते के घर में और हमारे आगे की सड़क २० वे रोड पे
एक फ्लैट में ,पद्मादी और मां जी रहने आ गयीं ।
आसपास , मोहल्ले में, लोग - बाग़, ये कहने लगे,
' ये लडकी , हिन्दी फिल्मों में काम करेगी । '
वे जब हमारे घर के सामने से गुजरतीं, इठलाती हुई चलतीं ,
तब हम बहने जोर से चिल्लाते ,
" हे गंगा मैया तोहे पिहरी चढ़इवो " .....
और वे मुस्कुरातीं हुई , हाथ हिलाकर हमें खुश करती हुईं चली जातीं !
शायद पहले पद्मादी ने, " गंगा मैया तोहे पिहरी चढ़इवो " ये भोजपुरी भाषा में बनी सबसे पहली फ़िल्म में भी एक छोटा - सा किरदार किया था ।
अब देख लीजिये पदमा जी को, शायद आपको भी , याद आ जाए के मैं किस नायिका कि बात आप से कर रही हूँ ....
लीजिये, देखिये ये लिंक , गीत भी देखिएगा
http://www.youtube.com/watch?v=thTjG0hwybc&feature=
एक और ....
http://www.youtube.com/watch?v=4O_Bf9p0syA&feature=channel
पदमा दी की याद आ गयी जब ये भोजपुरी फिल्मों पर आलेख देखा ।
नई सोच ब्लॉग से :
" भोजपुरी गीतों के साथ साथ फिल्मों के माध्यम से भी
आम लोगों तक पहुंचती रही है
जिसकी शुरुआत हुई सन १९६१ में बनी फिल्म
गंगा मैया तोहे पिहरी चढ़इवो से।
http://naisoch.blogspot.com/2009/06/blog-post_15.html
तब पुरानी यादों को आप तक पहुंचाने का मन बना ...
ये भी देखिएगा ,
http://www.youtube.com/watch?v=zSEShvkZfz0
पद्मा खन्ना का जन्म १० मार्च , को हुआ था।
भोजपुरी फ़िल्म " गंगा मैया तोहे पिहरी चढ़इवो " की
सफलता के बाद ही विजय आनंद को किए देवानंद के आग्रह से ,
इस नयी हेरोइन को फ़िल्म
" जोंनी मेरा नाम " में ,
प्रेमनाथ के साथ एक , आइटम सोंग के लिए ,
लिया गया और उनके डांस ने दर्शकों का ध्यान , बरबस खींचा ।
इसी के साथ , पदमा खन्ना का नाम हिन्दी फ़िल्म जगत में ,
बतौर , सह नायिका और डांसर के रूप में जम गया ।
कत्थक नृत्य शैली कि शिक्षा , पद्मादी ने ,
गुरु जी श्री गोपी कृष्ण से तालीम ली थी ।
रामायण , रामानंद सागर ने बनायी तब कैकेयी का पात्र
पदमा खन्ना को दिया गया ।
पदमा दी का संस्मरण : ( शेष - अशेष पुस्तक से )
" मेरी पहली मुलाक़ात श्री नरेंद्र शर्मा जी से १९६० - ६१ में हुई थी । बंबई आने पर पहला घर लिया उन्हीके तथा चरित्र अभिनेता जयराज जी के घर के सामने । परिचय हुआ, नजदीकियां बढीं और मेरी स्व। माता जी ने उन्हें भाई साहब कहना आरम्भ कर दिया।
आंटी जी और बच्चों से भी मुलाक़ात हुई । फ़िर ये दो महान विभूति ,
मेरे अंकल और आंटी हो गए। तथा , बच्चे मेरे छोटे भाई - बहन !
तब से हर मसले पर उनकी ( पापा जी की ) राय ,
महत्त्वपूर्ण स्थान रखने लगी ।
जीवन के हर अध्याय में, उनकी सलाह ,
मेरे लिए एक स्तम्भ का रूप बन गयी ।
जीवन में कई बदलाव आए ,
कितनी दुखद और सुखद घडियां और दिन आए ,
बीत भी गए किंतु हमारे और अंकलजी के रिश्ते में
कोई भी बदलाव नहीं आया ।
वर्ष में एक दिन ऐसा आता था जब मैं उनसे और आंटी जी से मिले बिना नहीं रहती थी । वह होता था दीपावली का शुभ अवसर !
उस दिन मैं उन लोगों कि चरण वन्दना करने अवश्य जाती थी ।
ऐसा लगता मानों पूरे वर्ष भर के स्नेह, प्यार और आर्शीवाद की बंधी गठरी खोल कर मुझ पर उँडेल देते
और मैं कृत्य कृत्य हो जाती !
पूज्य आंटी का सत्ताईस साल से देखा स्वरूप
सदा ये सोचने पर आ ठहरता
" हर सुहागिन की इतनी सुंदर और मनोरम छवि क्यों नहीं होती ?
गौरवर्ण ललाट पर सिन्दूर की ही लाल बिंदी ,
होठ पान की स्वाभाविक लाली से रचे हुए,
शुध्ध भारतीय रंगों वाली , सूती साडी के परिधान से
उनका व्यक्तित्त्व कुल मिलाकर ऐसा लगता ,
जैसे साक्षात किसी देवी के सामने खड़ी हूँ .... "
आज पद्मादी अमेरिका के , न्यू जर्सी प्रांत में अपने पति के संग रहती हैं ।
२ बेटियाँ हैं । शादी भी हो गयी है अब दोनों की और पद्मादी , यहाँ बसे भारतीय मूल के तथा दुसरे सभी बच्चों को , डांस सीखालातीं हैं ।
वे आग्रह करतीं हैं बच्चों से " शास्त्रीय नृत्य सीखो "
परन्तु, यहाँ के पेरेन्टस भी
बच्चों को स्टेज परफॉर्मेंस ही करवा कर ज्यादा प्रसन्न होते हैं !
१९९६ में पद्मादी की , Indianica Academy - आरम्भ हुई ।
जिसका पता है :
1165Green StreetIselinNew Jersey - ०८८३०
Phone: (732) 404-1900 , (732) 404-1901
30 comments:
विडियो शानदार है. पद्मा जी के बारे में जानकार और पूज्य पिताश्री के साथ उनके संबंधों के बारे उनके संस्मरण आदि जानकार बड़ा अच्छा लगा. आभार. अपने इस पोस्ट पर बड़ी मेहनत की है
umda !
shaandaar post !
badi di saadar pranaam,
padmaa ji ko kaun nahi jaantaa .... hindi film me charactor ka role unhone bakhubi nibhaya hai... wo ek umdaa kalaakaara hain ,,,, bhojpuri film me to unhone amit chhap chhodi hai aur mere hisaab se sabhi unhe kaikai ke naam se hi jyada jaante hai ... bahot hi khubsurat lekh likhaa hai bahot bahot badhaayee iskeliye...
arsh
वीडियो नहीं देखा पर पद्मा जी के बारे में जानकारी बहुत सुंदर है। उन का संस्मरण भी।
हमेशा की तरह बहुत ही खूबसूरत पोस्ट. पदमाजी के बारे मे निजी जानकारी बहुत सुंदर लगी. बहुत धन्यवाद आपको.
रामराम.
Padma ji ke vishay me is mahatvapurna jaankari ko banatane ka shukri di..!
पद्मा जी के बारे मे बड़े समय बाद कुछ पढने को मिला क्यूंकि अब तो हिन्दी फ़िल्म और मैगजीन वाले भी उन्हें भूल सा गए है ।
पद्मा खन्ना और "गंगा तोहरे..." की याद दिलाने के लिए आभार.
चलिये, कम से कम यह हीरोइन तो हैं जिन्हे मैं आइडेण्टीफाई कर पाया!
आपका संस्मरण और विवरण बड़ा ही सुखकर लगा.....आभार.
लावण्या दी...लाजवाब वीडियो लगा या है आपने...बड़ा ही आनंद आया देखकर...
बहुत सुंदर लगा यह परिचय, विडियो सब टिपण्णीयां निपटा कर देखूगां.
धन्यवाद
अच्छी जानकारी दी पद्मा खन्ना के बारे में.
पद्मा जी उस दौर की अभिनेत्री हैं जब हीरो और हीरोइन से जियादह खलनायिकाओं और कामेडियन को तरजीह दी जाती थी / अब तो सब कुछ हीरो औश्र हीरोइन ही करने लगे हैं । पद्मा जी और बिंदू जी जैसी अभिनेत्रियों ने खल पात्रों में जान डाल दी हमेशा ।
Lavanya Di
Very nice post with great memories,interesting info with VDO links. Thanx.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
padmaji ke bare me pdhakar bhut hi acha laga .khaskar aapke pitaji ke sath ke sansmarn .sath hi vidio dekhkar sodagar pictur ki yad taja ho gai .
abhar
आभार इस परिचय के लिए. वर्ना इन्हें मैं आइडेण्टीफाई नहीं कर पाया था. पर विडियो देखकर याद आ गया.
पद्मा खन्ना -अपने समय की मशहूर अभिनेत्री पर इस नायाब संस्मरणात्मक लेख के लिए आभार -सौदागर में वे क्या खूब फबी थीं -ख़ास कर नाव पर अमिताभ के साथ उनका नैन मटक्का भूलता ही नहीं !
जानकारी के लिये धन्यवाद. जॊनी मेरा नाम का डांस काफ़ी लोकप्रिय हुआ था.
मुझे याद है सौदागर का वह गीत सजना है मुझे सजना के लिये, जो समान शब्दों के वोइभिन्न अर्थों के लिये मेरे ज़ेहन में अभी भी है.
धन्यवाद.
हर कलाकार के पीछे का एक अतीत होता है ...जो उसके परदे के आगे के किरदार से जुदा होता है.....
पदमाजी के बारे मे आपने अच्छी जानकारीया दी। चुकी आपके परिवार मे बॉलीवुड से नजदिकी सम्बन्ध रहे है।आभार
sach kahun to maine padma ji ka naam bhi nahi suna tha... post padhkar ek jivant gatha se shakshatkaar hua... achha aapko blog duniya par dekhkar kar...
आपके ब्लॉग से कभी खली हाथ नहीं लौटा हूँ..और यही इसकी खास बात है
भोजपुरी फिल्मो की इस सुपर स्टार को भला कौन नहीं जानेगा ,आपने इनकी पुनः सुधि दिला दी .पद्मा जी अमेरिका में है यह नही पता था .मैंने तो इनकी बहुत फिल्मों को देखा है यहाँ तक की सीरियलों में"" रामायण ""में भी आपने उत्क्रिस्ट अभिनय किया है .
पदमा जी के बारे में बेहद रोचक और ज्ञान वर्धक जानकारी देने के लिए आभार....!
पढ़कर जी खुश हो गया.
प्रकाश सिंह
पद्मा जी के बारे में संस्मरण आदि जानकर बड़ा अच्छा लगा...
आप का ब्लाग अच्छा लगा...बहुत बहुत बधाई....
Achha likha Aunty ke bare men apne.
" हर सुहागिन की इतनी सुंदर और मनोरम छवि क्यों नहीं होती ?
yah baat hi bakhaan kar rahi hai ki aap ki mummy ji ki kinti vinamr aur khubsurat chhavi rahi hogi!
Padma khanna ek behtareeen adaakara thin...aur bahut hi khubsurat bhi.
aaj aap ne unke bare mein itni jaankariyan share kin ,
bahut bahut abhaar.
bahut si nai jaankaari di hai aapne achchaa lagaa unhe padhkar dekh kar badhai...
लावण्य दी...बधाई...इस पोस्ट का ज़िक्र यहाँ -दैनिक हिन्दुस्तान के साप्ताहिक स्तम्भ 'ब्लॉग वार्ता--mein हुआ है--
http://blogonprint.blogspot.com/2009/07/blog-post.html
-abhaar.
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