( हाइलाइट किये रँगीन शब्दोँ पर क्लिक करने से
आप जापानी महाकवि मात्सुओ बाशो तथा
उनके महाकाव्य " ओकु नो हीशोमोची "
और
कवि " मात्सुओका शिकी " के बारे मेँ
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Masaoka Shiki - मासाओका शिकी महोदय ने १९ वीं सदी के अंत तक इसे हाइकु नाम दिया ।
सबसे प्रसिध्ध हाइकुकार हैं महोदय Matsuo Bashō -
जिनकी पुस्तक Oku no Hosomichi, - या ,
" अंतर्मन के रस्ते " जापानी साहित्य की श्रेष्ठतम कृतियों में गिनी जाती है -
इस सुंदर काव्य विधा को जब विश्व की अन्य भाषाओ ने अपनाया तब उनका स्वरूप , उसी के अनुरूप बदला - जैसे अंग्रेजी हाइकु, ३ पंक्तियों में लिखा गया । उदाहरणार्थ :
scent of plum blossoms
on the misty mountain path
a big rising sun --
Matsuo Bashoume
ga ka ninotto hinoderuyamaji
( जापानी शब्द )
इस जापानी हाइकु से जो द्रश्य उभरता है वह बेहद रंगीन और संवेदना से भरा हुआ है -
मानो केसरिया सन्यासीयों का वस्त्र लपेटे , बौध्ध मुनि , सदीयों पुराने मन्दिर में ,
पुराने पीतल से बनी सपाट तश्तरीनुमा गोंग बजा रहे हैं और सूर्य उदित हो रहा है
दूर दूर से , श्रद्धालु यात्री , पहाडी , पगडंडी ढलान से चढ़ते हुए, आ रहे हैं
और उनके पथ में असंख्य , हलके गुलाबी और श्वेत रंग से खिले
चेरी के पुष्प , बिछे हुए हैं ।
old pond
a frog jumps
the sound of water
या ,
the silence a droplet of water trickles down a stone
—Matsuo Allard
Sweden, स्वीडन , जर्मनी , Germany, फ्रांस , France, बेल्जियम , Belgium और नैधरलैन्ड Netherlands , क्रोएशिया Croatia, स्लोवेनिया , Slovenia, सर्बीया Serbia, बल्गेरीया , Bulgaria, रोमेनिया , Romania , रशिया तथा Bharat) / भारत में भी इस काव्य पध्धति का विकास हुआ है।
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हाइकु , कविता में ३ पंक्तियाँ होतीं हैं ।
जिनका अनुपात है,
प्रथम पंक्ति में ५ अक्षर , दूसरी में ७ अक्षर और फ़िर
तीसरी पंक्ति में ५ अक्षर हों --
अकसर , संधि अक्षर भी एक अक्षर ही गिना जाता है ।
आज आपके सामने मेरी काव्य पुस्तक," फ़िर गा उठा प्रवासी " से कुछ हाइकु -
[ १ ]
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हर- सिंगार
मन आँगन
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[ २३ ]
[ २४ ]
[ २६ ]
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27 comments:
बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी है, आपने! जिसके लिए धन्यवाद!
---मेरे पृष्ठ
चाँद, बादल और शाम पर आपका सदैव स्वागत है|
इस सुंदर जानकारी के लिये आप का धन्यवाद, साथ ही मेने बच्चो से इस के बारे पुछा तो उन्हे इस के बारे स्कुल मै पढाया गया था.
कवियो के लिय बहुत उपयोगी होगा.
धन्यवाद
लावण्या जी,
(俳句, हाइकु के बारे में इतने विस्तार से बताने के लिए धन्यवाद! विशेषकर मूल जापानी और अंग्रेजी की तुलना के लिए. आपकी हाइकु रचनाएं भी पढीं और बहुत अच्छा लगा.
उत्तम जानकारी दी आपने...। ...और आपकी हाइकू तो अनूठी है। धन्यवाद।
हाइलाइट किये रँगीन शब्दोँ पर क्लिक करने से आप जापानी महाकवि मात्सुओ बाशो तथा उनके महाकाव्य " ओकु नो हीशोमोची " और मात्सुओका शिकिे बारे मेँ अधिक जानकारियाँ पढ सकेँगेँ - अवश्य पढेँ -
All these links are worth reading once -
- Lavanya
जानकारी तो बढ़ी ही, आपकी हाइकु भी बहुत सुंदर है। पढ़कर अच्छा लगा।
सुंदर
लावण्य दी, मेरी कक्षा के बच्चों का काम देखिये। ग़ौरतलब हो कि ये वेबसाइट भी उन्होंने मिल कर बनाया है और ये सब १०-११ साल के थे जब इसे बनाया ( पिछले साल)।
http://www.freewebs.com/ell2008/
मानोशी
वाह ! बहुत गहरे अर्थबोध को समेटे हैं ये शब्द चित्र ! सच कहा है ब्रेविटी इज द सोल ऑफ़ विट !
आपकी हाइकू तो अनूठी है। धन्यवाद।
hayku ke baare mein jaankari achchee lagi.
-hindi mein hayku likhne ke liye-jahan tak meri jaankari hai--
-pahli pankti mein 5 aur dusri mein 7 aur last line mein 5 'Akshar'[alphabet hone chaheeye]
-aap ne apne lekh mein 'akshar' ke sthan par shabd[word] likha hai.kripya correct kar lijeeye .
-aur thodi jaankari----hayku mein -half aksar count mein nahin aata..aap ka diya example--
रातों प्रहरी , जगे मन प्राण के ,एकाकी जहाँ !
is mein 'prahari' aur 'Pran' mein p ke saath r-'pr' ko ek akshar count kiya jaata hai..
-chitr hamesha ki tarah behad sundar hain--Abhaar sahit.
बहुत बढ़िया जानकारी दी है आपने ..सुंदर शब्द चित्र हैं
सुन्दर चित्र और हायकू की सुन्दर जानकारी दी आपने. लिंक भी बहुत जानकारी परक हैं. आपका बहुत धन्यवाद.
रामराम.
सुंदर जानकारी और आपके हाइकु तो हैं ही कमाल के.
हमने तो झोली भर ली जी..
लावण्या दीदी, मैं सच कहूँ तो.. बड़ा बेताब था यह हाइकु-रहस्य जानने को..
पर नक्कू बनने के डर से खुल कर किसी से पूछ भी नहीं पा रहा था !
आजकी आपकी सोदाहरण प्रस्तुत की गयी जानकारी पृष्ठांकित कर ली है !
महत्वपूर्ण जानकारी दी है, आपने!
और अब चलिए !! मेरी मदद करने .....
जानकारी के साथ अच्छे अच्छे हाइकु पढ़ने को मिले। मगर दीदी! एक साथ इतने गुलाब जामुन खिलाओगी तो पेट खराब न हो जाएगा?
मजा आ गया
हाईकू पढ कर
और भी लिखें.
भेद बहुत
भारत-इन्डिया में
समझे ज्ञानी.
बदलना है
इन्डियन सिस्टम
मिलें तो सही.
प्रेम की धारा
भारत का स्वर है
कोरा इन्डिया.
आत्मा का स्वर
कैसे सुने पदार्थ
जो है इन्डिया.
चेतन जागे
भौतिकता से आगे
भारत जीते.
haiku ke bare me detail me padhna accha raha. aapka shukriya sare links yahan dene ke liye. aur aapki rachnayein to mahohari hain.
अच्छी जानकारी और चित्र भी .दी को नए साल का प्रणाम..
हाइकु अभिव्यक्ति की सुन्दर विधा है। इस साल मैं हाइकू लिखना सीखूंगा। इस लिये यह पोस्ट मार्क कर ली है।
धन्यवाद।
very informative intersting too
achi jaankari di aapne. aabhar
आप सभी की टीप्पणियोँ का बहुत बहुत आभार -
अल्पना जी
आपके सुझाव पर
अमल कर दिया गया है -
स स्नेह,
-लावण्या
मैं तो विस्मित हो फिर-फिर पढ़्ता गया इन जानकारियों को...
फिलहाल बस शुक्रिया कह कर काम चला रहा हूं और जा रहा हूं मात्सुओ बशो की दुनिया में खोने
लावण्या दी, हाइकु शब्द से पत्र-पत्रिकाओं में अक्सर सामना होता रहता था, लेकिन आज पहली बार आपसे इसके बारे में विस्तारपूर्वक जान पाया। जानकारी बढ़ाने के लिए शुक्रिया।
'फिर गा उठा प्रवासी' की कविताएं बहुत सुंदर हैं..जब समय मिलता है उनमें से कुछ को पढता हूं। पढ़ना अच्छा लगता है।
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