क्रीस्टोफर कोलम्बस
५१६ साल पहले, इटली से क्रीस्टोफर कोलम्बस राजा फर्डीनन्ड -द्वीतीय आरागोन के व रानी इज़ाबेला कास्टील और लीयोन की, अनुमति लेकर एक नई दुनिया की खोज मेँ निकले थे.
तीन बार इज़ाबेला ने हाँ और ना की जब कोलम्बस ने अपनी योजना का प्रस्ताव रखा कि भारत की खोज के लिये जाने की अनुमति दी जाये भारतीय गरम मसाले युरोपीय माँसभक्षीयोँ के लिये अत्यँत आवश्यक होने लगे थे और भारत के रत्न, सुबर्ण और वैभव के किस्से भी युरोपीयन को आकृष्ट करने लगे थे - कोलम्बस ने भी भारतीय वैभव को हथियाने के मनसूबे से ही व्यापारीय जहाज लेकर, एक नई दुनिया की खोज मेँ प्रवास करने का निर्णय लिया था जिसके लिये राजसी स्वीकृती व आदेश भी निहायत आवश्यक था -
कोलंबस एक नाविक थे साहसी थे और उनका जीवन काल १४५१ से – मई की २० , १५०६ तक का रहा। स्पेन राज्य का नए भूखंड पर फैलाव और प्रसार उनके जीवन काल के बाद से ही हुआ। दक्षिण अमरीकी भूखंड पर इसके पहले तक , यूरोप से कोई भी आया नहीं था -
बहामा द्वीप के सान साल्वाडोर नामके स्थान पर कोलम्बस का जहाज लँगर डाल कर खडा हुआ तब जो लोग उसे दीखे उन्हेँ कोलम्बस ने इन्डीयन कहकर पुकारा - पर ये अमेरीकी इन्डीयन थे नाकि भारत वाले विशुध्ध देसी इन्डीयन !!
कोलंबस का १४९२ की साल में , अमेरिका के भूखंड पर उतरना अमेरिका और स्पेन अक्टूबर १२ के दिन कोलंबस दिवस के नाम से मनाया जाता है : क्लीक कीजिये : (Columbus Day)
और कुछ नहीँ तो कोलम्बस महाशय को अनेक विभिन्न समाज व सँस्कृतियोँ को एक दूसरे के सामने लाकर खडा करने मेँ सहायक भूमिका अदा करनेवाले के तौर पर तो हम रख ही सकते हैँ -
आज यहाँ अमरीका मेँ बैन्क होलीडे है पर अधिकतर ओफीस खुली रहतीँ हैँ -
१७९२ से कोलम्बस दिवस मनाये जाने की प्रथा का आरँभ हुआ है। इटली से आकर अमरीका मेँ बस गये अब अमरीकी नागरिकोँ का बहुत बडा वर्ग, अपने इस शोधकर्ता खलासी नाविक को गर्व से याद करता है।
तो अमरीकी रेड इन्डीयन इस दिवस को "अमरीकी भूखँड की खोज का दिवस " मानने से इन्कार करते हुए जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन करते हैँ चूँकि उनका कहना है कि, "हम लोग यहाँ रहते ही थे आप आये उससे भी पहले से अमरीका आबाद था !! रेड इन्डीयन विरोध प्रदर्शन कोलोराडो स्टेट के डनवर शहर मेँ जोर शोर से किया जाता रहा है -और बर्कली कोलज मेँ भी इस दिन को " मूल नागरिक रेड इन्डीयन दिवस " के तौर पर मनाया जाता है !
पूर्वीय प्राँतोँ मेँ जैसे न्यू योर्क, मेसेचुस्टेस, कनेटीकट,न्यु जर्सी मेँ कोलम्बस दिवस को फिर भी शौख से मनाया जाता है -
खैर! जो भी हुआ सो हुआ ॥
कोलंबस के कारनामे से विश्व का नक्शा जरुर बदला बदला सा दीखने लगा !
20 comments:
जानकारी के लिए शुक्रिया ।
इस दिवस को दो महाद्वीपों के आवासियों के मिलन-दिवस के रूप में क्यों न मनाया जाए।
बहुत ही अच्छी जानकारी देने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत उम्दा जानकारीपूर्ण आलेख. आभार आपका.
खलासी कोलम्बस के बारे में जानकारी अच्छी लगी।
हमें तो अपने अन्दर के खोजी खलासी की तलाश है। रेड इण्डियन्स की तरह हम हैं; पर अपने को खोजना है!
साहस की मूर्ति था - कोलंबस
सहमत हूँ आपकी बात से !
अच्छी जानकारी
धन्यवाद!
सुंदर पोस्ट. बहुत अच्छी जानकारी.
आपके ब्लॉग की विशेषता है की हर बार नूतन जानकारी चित्रों सहित रोचक रूप से विद्यमान रहती है ! बहुत धन्यवाद इस जानकारी के लिए !
हमारे लिये कोलंबस डे का मतलब है पार्किंग के डबल पैसे, अपनी ट्रैन स्टेशन की पार्किंग बंद रहती है इस दिन। दूसरी जगह पैसे डबल हैं।
यह संस्कृति मिलन दिवस कहलाये तो कैसा रहे !
कोलंबस डे की जानकारी के लिए धन्यवाद! हमारे लिये इस दिन का मतलब है - डाकिये, बैंक और स्कूल की छुट्टी!
शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं!
Achhi jankari dee hai aapne.
कोलंबस जैसे खोजियों ने ही आधुनिक दुनिया का नक्शा बदला है...शुक्रिया...
बहुत बढ़िया सचित्र जानकारीपूर्ण आलेख. धन्यवाद.
very informative text with potograph
regards
अमेरिका तो प्रवासियों से ही बना है और विकास का एक बड़ा कारण भी यही है पर रेड इंडियनस के इतिहास का भी कारण भी तो यही रहा है.
आपने सभी ने जो टिप्पणी की है उसके लिये आभार ~~
स स्नेह्,
- लावण्या
just superb post n information...keep it up
इस दुनिया में कोलंबस जैसे लोग कम ही होते हैं। उस साहसी और खोजी व्यक्ति के बारे में पढकर अच्छा लगा।
बिल्कुल दिखा जी नक्शा बदला बदला सा ...उनकी इस खोज से उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा ,सीमित साधनों ओर इतनी लम्बी यात्रा आसन काम नही था उसके लिए इंसान में एक जानूं होना चाहिए जो यात्रा के अंत तक वैसा ही रहे
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