सादगी भरा रूप लिए ये " भारत - रत्न " कहलानेवाली , महिला , गरिमापूर्ण जीवन जीते हुए २८ सितम्बर के दिन अपनी उमर के ७९ वर्ष पुरे करेंगीं !
ईश्वर, उन्हें स्वस्थ और सदा प्रसन्न रखें यही कामना है ...
उनसे यही कहती हूँ, " शतं जीवेंन ` शरद : दीदी " : साल गिरह मुबारक हो ! "
अमेरीकी भूतपूर्व राष्ट्रपति श्रीमान बिल क्लिंटन तथा सीनेटर हिलैरी क्लिंटन के साथ अपनी एक परदेस यात्रा के दौरान दीदी की तस्वीर :
और नीचे , दीदी सन्मान की ट्राफी थामे मुस्कुरातीं हुईं दीखाई दे रहीं हैं ..लम्बी लम्बी, घुटनों से भी आगे जातीं २ चोटियाँ , साडी के पल्लू ढँकी हुईं , माथे पे बिंदिया, हाथों में हीरों के कंगन, कानों में हीरों के टोप्स , हीरे की अंगूठी, ज़रीदार जामुनी बॉर्डर लिए, श्वेत चंदेरी साडी धारण किए हुए दीदी , जब भी दीखलाई देतीं हैं तब तब लगता है मानो दीदी इस उम्र में भी भारतीयता की जीती जागती मिसाल ही आपके सामने हाज़िर हो गयी हो !!
वे ऐसी ही भली लगतीं हैं ! और आपको फोटो से पता नही चलेगा पर दीदी को इतर का बेहद शौक है, और उनका सबसे प्रिय इतर है, " पेरिस " जिसे " इसा लारान " कम्पनी , फ्रांस में बनाती है ..शायद यही एक दीदी का निजी शौक है ..और हॉबी में फोटोग्राफी , कभी कभार एकदम लज़ीज़ रवे का सीरा या खीर बना लेना :) , घूमना , प्रकृति प्रेम और श्रेष्ठ साहित्य , संगीत, चित्रकला रंगमंच के लिए आदर व अनुराग , सही और खरा खरा बोलना, हर अच्छे और सच्चे इंसान के लिए आदर भाव रखना , स्वाभिमान और अपने हक्कों की इज्जत करना , जिसके कारण दीदी ने , महिला गायिकाओं को पुरूष प्रधान , फ़िल्म इंडस्ट्री में , अपनी अलग पहचान बनाने की लड़ाई में , ऊंचा मकाम दिलवाया और स्पष्टवक्ता होने से , कईयों को उनकी कही किसी बात का बुरा भी लगा होगा !!
पर आज इसी से दीदी को लोग "स्वयं` सिध्धा " नारियों की श्रेणी में , स्वाभिमान से खडा हुआ देखते हैं। भारत को ही नही पूरे मानव समुदाय को प्रेरणा मिले ऐसी दीदी की जीवन यात्रा रही है -
- आज दीदी जो भी हैं, ख़ुद के बलबूते पर हैं, कड़ी मेहनत से हर मुश्किल का सामना करते हुए, आज भी दीदी अपने भारत से असीम प्रेम करतीं हैं और अपने भरे पूरे परिवार के बीच , उन्हें मार्गदर्शन और प्यार देते हुए, समस्त गतिविधियों पर पैनी नज़र रखे हुए हैं। समाज की हर बदलती हुई बात का उन्हें पता रहता है।
दीदी के स्वर्गवासी पिताजी मास्टर दीनानाथ मंगेशकर जी ने अपनी सबसे बड़ी बिटिया को संगीत का जो नन्हा बिरवा , सौंपा था आज उस अमर बेली की शाखाएं , पुरे विश्व में , फ़ैली हुई हैं ...दीदी का स्वर कोई ऐसा द्वीप या भूखंड नही है जहाँ , सुनाई ना देती हो ```
जहाँ कहीं एक भी भारतीय रहता होगा, वहाँ एक नन्हा भारतीय दिल धड़कता होगा और उस दिल में से लता दीदी की आवाज़ गूंजती होगी .....
" वंदे मातरम` ....सुजलाम सुफलाम् मलयज शीतलाम , शस्य श्यामला मातरम` ...वंदे ....मातरम` " ( फ़िल्म: आनंद मठ , कवि : श्री बंकिमचन्द्र जी )
http://www.youtube.com/watch?v=xj1Iy4nRMkc
http://www.youtube.com/watch?v=wMeB56ExX1Y&feature=related
http://www.youtube.com/watch?v=NCMy3a1BgGk&feature=related
http://www.youtube.com/watch?v=FxRpmgqtcaM&feature=related
हेमा मालिनी जैसी सुँदर सिने तारिकाओं की खूबसूरत आवाज़ है हमारी दीदी : ~
~ सुनिए, दीदी ने कहा भी था हेमा जी के लिए एक बार के इस लड़की की आत्मा पवित्र है ! और ये संगीत निर्देशक श्री अनिल बिस्वास जी पर लिखा दीदी का श्रध्धांजलि संदेश है - क्लीक करें --
और दीदी अपनी बहने उषाजी , मीना खाडिलकर के साथ बहुत खुश हैं -- ये दीदी का हस्त लिखित पात्र है जो मेरी प्रथम काव्य पुस्तक , " फ़िर गा उठा प्रवासी " का आशीर्वाद रुपी , पहला पन्ना बना हुआ मुझे स्नेह देता रहता है .....
१ तस्वीर : आज भी यादों को आबाद किए हुए , सुरों की कोकीला के लिए , मेरे ह्रदय से सदा ही , प्रेम की गंगा बहाती , बहती रहती है ....जब जब बीते हुए लम्हों को जीती हूँ ...आपकी आवाज़ को सदा अपने पास पाती हूँ .....
एक किशोर अवस्था का श्वेत श्याम चित्र जो आज भी मेरे पास सुरक्षित है --
क्या इस कन्या के मन में आशाएं ना होंगीं ? दूसरों की तरह, एक भरीपूरी जिंदगी जीने की ? पर दीदी का बड़प्पन यही है , जो उनके आराध्य श्री कृष्ण जी ने दिया, उसे मस्तक से लगाया और ईश्वर कृपा मानकर, अपनी जिम्मेदारियों को हंसी खुशी निभाया।
मानवता का यही सच्चा धरम है ...यही परिभाषा है सम्पूर्ण मनुष्य जीवन की।
स्त्री हो या पुरूष, अपने जीवन को , उसूलों के साथ जीते हुए, जो जीवन संग्राम में लड़ते हुए जीत जाता है विजय श्री का तिलक उसी के भाल पर दमकता हुआ , समस्त संसार को दीखलाई पड़ता है !
जुग जुग जियो , मेरी लाडली बड़ी दीदी !
आप सदा स्वस्थ व खुश रहें और मनमोहक गीतों से सृष्टि को संवारतीं रहें .................................बहुत बधाई हो !
आपकी बहन लावण्या के चरण स्पर्श !
23 comments:
लवण्या जी,
आपकी इस चित्रमय झांकी के दर्शन से आज के दिन की शुरूआत हो रही है.खूब बढ़िया और आत्मीयता के स्पर्श से सिंचित होकर आपने लिखा है. अति सुंदर .लता जी को बधाई तो है ही आपको भी-इस प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत बधाई.
सादर-
सिद्धेश्वर सिंह
लताजी को तो हर साल बधाइया मिलती ही हैं लावण्याजी, मगर स्वरसाम्राज्ञी के प्रति अनुराग भरी आपकी इस पोस्ट से हम मगन हैं।
सुंदर पोस्ट...
बहुत ही सुंदर पोस्ट है, यादगार चित्रों से सजी.
इस दिव्य स्वर के लिए तो क्या कहा जाए? हमारे जैसे किसी सामान्य संगीत प्रेमी के लिए तो सम्भव ही नहीं लता जी की प्रशंसा में दो शब्द भी कह सके. वे इस सबसे बहुत ऊपर हैं. अब तो केवल उन्हें सुना जा सकता है, और युगों युगों तक सुना जाएगा. उनका जीवन भी अपने आप में सादगी, शालीनता और विनम्रता का आदर्श उदाहरण है.
आज उनका जन्मदिन है. ईश्वर करे की वे सदैव स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें.
लता जी को जन्मदिन की शुभकामना और सभी भारतीयों को बधाई।
मानव जाति के इतिहास में वे अद्वितीय हैं। उन का जैसा दूसरा उदाहरण दुनिया में नहीं है। भविष्य को किसी ने नहीं देखा। हम तो चाहेंगे कि दुनियाँ में ऐसी महिलाएँ अनगिनत हों। सारी दुनियाँ उन के मधुर स्वरों, शालीनता, आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान और प्यार से गूंज
उठे।
आदरणीया लावण्या जी,
आपने लता जी के जन्मदिन पर जो भावुक कर देने वाला बधाई संदेश दिया है, वह मन को छू गया। लता जी से आप बहुत करीब से जुड़ी रही हैं, यह जानकर हमें बहुत खुशी हुई।
आपके लिए हमारे मन में बहुत आदर व सम्मान है। आपको भी इस अवसर पर बधाई।
लावण्याजी
दीदी के जन्मदिन पर आपका अति सुंदर ब्लॉग पढ़के मन प्रसन्न हो गया है |
दीदी के सुख, स्वास्थ्य और कीर्तिमान जीवनके लिए हम तो परमात्मा को प्रार्थना करते है की हमारी दीदी को कभी कोई कमी न हो , वे हमेशा हमेशा मधुर मधुर स्वर लहराती रहे और करोड़ों के दिल पर राज करे |
आपका भी धन्यवाद |
-हर्षद जांगला
एटलांटा , युएसए
सुन्दर पोस्ट,दुर्लभ चित्र और निश्छल भाव,बधाई लता दीदी और आपको भी
लताजी को जन्मदिन की बहुत २ बधाई ! आपने जिन दुर्लभ चित्रों को
दिखाया है उसके लिए आपका बहुत आभार ! कोई भी विषय हो , अगर
वो आप द्वारा लिखा गया है तो एक विशिष्टता उसमे अपने आप ही आ
जाती है ! और ये तो मौका ही स्वर कोकिला का है तो ये पोस्ट आपके
द्वारा यादगार बन गई है ! बहुत शुभकामनाएं !
लता जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई .इस अवसर पर आपका यह सुंदर लेख और चित्र बहुत पसंद आए ..शुक्रिया
aapkey saath vaala chitr bhaav vibhor kar gayaa di, lataa jo ko to hamari bhi umr lag jaaye .yahi kaamna hai...
हमारी तरफ़ से भी लता जी को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई दे, आप ने इन चित्रो समेत यह संदेश देकर बहुत अच्छा किया आप के साथ यह लेख पढते पढ्ते ऎसा लगता हे जेसे हम सब भी लता जी के पास हो,
फ़िर से आप का धन्यवाद
लता जी को उनके गौरवमय जीवन के ७९ वें सोपान पर बहुत बहुत बधाई। सचमुच वे भारतीयता की जीती जागती मिसाल हैं और हर भारतीय को उन पर गर्व है। आपने बहुत अच्छा आलेख लिखा है, लावण्या दी। मनमोहक चित्रों ने इस आलेख को यादगार बना दिया है। आभार।
जन्मदिन के अवसर पर लताजी को ढेरो बधाई और शुभकामना.
shukriya dede
aapane anoothee samayik post likhi
दीदी को शुभकामनायें और आपको भी लावण्या जी इतनी सुंदर पोस्ट के लिए
आदरणीय दीदी साहिब मैं तो ये मानता हूं कि दुनिया में दो लोग हैं एक वे सौभाग्यशाली लोग हैं जो सरस्वती के दर्शन कर चुके हैं और दूसरे वे दुर्भाग्यशाली है मेरे जैसे जो ये नहीं कर पाये हैं । आप तो और भी सौभाग्यशाली हैं कि आपको सरस्वती का सांन्निध्य भी मिला है और स्नेह भी । सच कहूं झूठ नहीं बोलूंगा आपसे रश्क होता है कि ईश्वर ने आपको कैसा सौभाग्य दिया । आपने दूरभाष दिया उसके लिये ह्रदय से आभार किन्तु वो दूरभाष लगा नहीं । फिर भी आपको आभार । आशा है आपकी लेखनी से सरस्वती संस्मरण और सुनने मिलेंगें । आपका ही अनुज
पंकज सुबीर
"जो उनके आराध्य श्री कृष्ण जी ने दिया, उसे मस्तक से लगाया और ईश्वर कृपा मानकर, अपनी जिम्मेदारियों को हंसी खुशी निभाया"
शायद यही लता जी जैसे दैवी-व्यक्तित्व की अभूतपूर्व सफलता का राज़ हो। लावण्या जी, आपको इतने अच्छे लेख और चित्रों के लिए बहुत-बहुत बधाई! साथ ही सुर-साम्राज्ञी को जन्म-दिन की शुभकामनाएं. जैसा कि आपने कहा, ईश्वर उन्हें दीर्घायु करे!
....सुर की इस सम्राग्री को ढेरो शुभकामनाये
02jo unhone Hema ji ke liye kaha vahi mujhe Lata Di ke liye lagta hai ki bahut Pavitrata hai un me...! sach naam aate hi sir jhuk jaata hai
लताजी को उनके जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें।
आपको भी इस सुन्दर पोस्ट के लिए बधाई।
आप सभी ने दीदी की सालगिरह को मेरे साथ मनाया उसका बहुत बहुत आभार !
- लावण्या
देरी के लिए क्षमा.
पर ऐसी दुर्लभ चित्रों वाली अनमोल पोस्ट कैसे छोड़ी जा सकती है.
आभार
आपने देरी से आकर भी टिप्पणी तो की है उसके लिये आभार अभिषेक भाई
स स्नेह्,
लावण्या
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