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ये है ब्रिटिश घुड़दौड़ रेस रोयल डर्बी में हरेक स्त्री
ऐसी ही अजीबोगरीब हेट्स पहनतीं हैं उसी के चित्र !
शिरस्त्राण या पगडी टोपी, हेट कई तरह के होते हैँ ।-
इन्सानको सभ्यता आरँभ हुई तभीसे अपने आपको दूसरोँ से
अलग दीखलाने की चाह रही है।
जिसके लिये कई तरह की वेशभूषा सामने आयी हैँ।
ये हैं अमरीकी रेड इंडियन :
पगडी कई तरह की होतीँ हैँकेले राजस्थान मेँ पगडी से प्राँत, ग्राम और प्रसँग का भी पता लगता है ऋउतुओँ के अनुसार भी पाग का रँग साफे का रँग अलग होनेसे विशेष घोषणा कर देता है -
ये हैं पंजाबी सीख कौम का पहनावा
राजा महाराजा देवी देवता तो खैर हमेशा मुकुट पहने ही हर चित्र मेँ दीखलाई देते हैँ - श्री कृष्ण के मुकुट पर मयूर पँख सुशोभित रहता है और सर्वथा अलग दीखता है। आजके समय मेँ टीवी के धारावाहिक भी कौरव पाँडवोँ के शिरस्त्राण को
नये सिरे से मशहूर करने मेँ सँलग्न हैँ !
रानियाँ, परियाँ, देवियाँ भी मुकुट धारण कर शृँगार करतीँ हैँ तो आजकी विश्व सुँदरी के माथे पे भी हीरोँ से जडा ताज रखकर विजय श्री का ऐलान किया जाता है।
- खिलौनो की दुकानँ मेँ भी नन्ही बालिकाओँ के लिये प्लास्टीक के मुकुट मिलते हैँ जिन्हेँ पहनकर बच्चियाँ खुश हो जातीँ हैँ और अपने आपको सजा हुआ देखने शीशे के सामने खडी हो जातीँ हैँ ॥
राजनीतिज्ञ भी स्वतँत्रता दिवस के उपलक्ष्य मेँ "गाँधी टोपी " पहनकर एकाध तस्वीर जरुर खिँचवा लेते हैँ ताकि उनकी देशप्रेम युक्त छवि समाचार पत्रोँ मेँ , खूब चमके और उन्हेँ जनता का विश्वास दिलवाये ॥
भारत के राजे महाराजे अलग अलग तरह के मुकुट पहनते थे
दक्षिण और उत्तर भारत के महाराजा की शिरस्त्राण शैली भी भिन्न होतीँ थीँ -
समुद्रगुप्त और बिँबिसार के मुकुट अलग थे
और मुघलोँ के भी खूब रत्न जटीत होते थे -
महाराणा प्रताप युध्ध करते हुए जब शत्रुओँ से घिर गये थे तब बहादुर आल्हाने उनका लौह शिरस्त्राण अपने सर पर रखा जिससे सेना उसकी ओर धावा बोली और वह वीरगति को प्राप्त हुआ तब तक प्रताप को लिये उनका अश्व चेतक दूर जा चुका था - ऐसे किस्से इतिहास का हिस्सा हो गये हैँ ~~
ईजिप्ट के फेरो के सर पे भी प्रभावशाली शिरस्त्राण था - देखिये ,
शिरस्त्राण या हेट आज अमरीका मेँ बेसबोल केप की तरह
खूब प्रचलन मेँ है और खूब बिकतीँ हैँ -
हेट फेशन के लिये, अपनी पसँदीदा टीम या प्राँत के लिये
या ठँड से बचने के लिये या फिर अपना स्टेटस जमाने के लिये भी पहनी जातीँ हैँ ।
देखिये लिंक : http://en.wikipedia.org/wiki/Hat
और विश्वके बहुमूल्य रत्न महारानी एलिझाबेथ के राजसी मुकुटों में जड़े हुए हैं
और विश्वके बहुमूल्य रत्न महारानी एलिझाबेथ के राजसी मुकुटों में जड़े हुए हैं
ये मैंने लन्दन यात्रा के दौरान देखे थे --
भारत से प्राप्त कोहीनूर हीरा विश्व का सबसे कीमती और सबसे श्रेष्ठ हीरा है वो ब्रिटिश रोयल क्राउन में लगा हुआ है - http://www.englishmonarchs.co.uk/crown_jewels.htm
&
६५७३७१">http://www.cafepress.com/artegrity/६५७३७१
बहुत तेज धूप से बचने के लिये पहना जानेवाला हेट "पनामा हेट " कहलाता है जिसे "इन्डीयाना jones " फिल्म मेँ हेरीसन फोर्ड पहनते हैँ और कई ब्रिटीश अफसर भारत की लू और उमस भरी गरमियोँ मेँ भी टोपा पहने रहते थे भले ही पसीने से तरबतर क्योँ ना हो जायेँ !
आप बताएं क्या आप को भी ऐसे शिरस्त्राण पसंद हैं ? :-)
- लावण्या
16 comments:
बहुत बेहतरीन रोचक जानकारी दी है आपने शिरस्त्राण या पगडी टोपी के बारे में !
धन्यवाद !
इस शिरस्त्राण को हमारे जोधपुर में 'साफा' कहते है.. मुझे बहुत पसंद है..
नितांत नई जानकारी
सुंदर पोस्ट
आकर्षक प्रस्तुति के लिए
आपका आभार
=====================
चन्द्रकुमार
रोचक जानकारी
बेहतरीन रोचक जानकारी......
धन्यवाद, इस शानदार जानकारी के लिये,
शिरस्त्राण के बारे में बहुत उपयोगी जानकारी उपलब्ध करायी है आपने। शुक्रिया।
सिर के पहनावे के संबंध में दिलचस्प जानकारी दी है आपने। आज भले इनका प्रयोग कम हो, लेकिन सिर और बालों की सुरक्षा की दृष्टि से इनकी उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता। हमारे यहां गांवों में पहले पगड़ी शान का प्रतीक समझी जाती थी। यहां पगड़ी को मुरेठा भी कहा जाता है।
रोचक जानकारी, धन्यवाद.
भांति भांति की पगडी, टोपी...
मॉडल भी पगडी पहनती है... ये आज पहली बार पता चला... :-)
रोचक जानकारी !
बहुत ही रोचक और जानकारी भरा लेख -राग दरबारी में एक जगह किसी के शिरस्त्राण को ही गाव वाले देवी मान कर पूज रहे थे -नायक रंगनाथ ने इसका रहस्योंद्घाटन किया -आपके इस लेख को पढ़ते पढ़ते वह विवरण याद हो आया .
पगड़ी, साफा या "शिरस्त्राण" जो भी हो लड़कियों को औऱ खूबसूरत बना दे रहा है।
वाह! ताज बोलिये!
सुन्दर चेहरे, सुन्दर ताज और सुन्दर पोस्ट।
अरे वाह, इस बार तो आप दूर-दूर से अनोखे शिरस्त्राण ढूंढ कर लाई हैं. धन्यवाद.
कहानी "हत्या की राजनीति" के बारे में आपका सुझाव सर माथे. दरअसल लम्बी कहानी और उपन्यास के लिए काफी समय की ज़रूरत है - दिमाग में घुमड़ते रहते हैं मगर सिलसिलेवार लिख पाने में थोड़ा समय लगेगा. जब भी लिखूंगा, आपको औरों से पहले पढने को मिलेगा - इतना कह सकता हूँ.
कन्हैया लाल की जय! जन्माष्टमी की बधाई!
परिवार एवं इष्ट मित्रों सहित आपको जन्माष्टमी पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ! कन्हैया इस साल में आपकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करे ! आज की यही प्रार्थना कृष्ण-कन्हैया से है !
आप सभी महानुभावोँ का आभार जो शिरस्त्राण पर ये सामग्री आपको पसँद आई !
- लावण्या
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