Thursday, August 7, 2008

आम इंसान की जिंदगी

सुजेन हृतिक रोशन, मशहूर स्टार ह्रतिक रोशन की पत्नी हैं - और ख़ुद भी , एक मशहूर कलाकार, हीरो संजय खान की पुत्री हैं -- चित्र में , वे , ननद सुनयना के साथ , सामने बैठी हुई हैं पीछे खड़े हैं पिंकी राकेश रोशन अपने मशहूर बेटे हृतिक रोशन के साथ -
पिंकी निर्माता , निर्देशक जे ॐ प्रकाश जी की गोद ली हुई बिटिया हैं --
जे ॐ प्रकाश जी ने कई " जुबली " मतलब , २५ हफ्ते तक , सिनेमाघर में , धूम मचानेवाली फिल्मों का निर्माण किया था -
उसी के इस सदाबहार नगमे का लुफ्त उठाएं -
शब्द हैं :
" तुम्हे और क्या दूँ मैं दिलके सिवा , तुमको , हमारी उमर लग जाए "

http://www.youtube.com/watch?v=3BrJxN2dcHA

फ़िल्म थी : " आयी मिलन की बेला " और वे एक बार , पापाजी से मिलने के लिए हमारे घर पर भी आए थे ..उनकी हल्की मुखाकृति , आज भी , याद है ...
और राकेश रोशन एक उभरते हुए सिने स्टार थे , देखिये ...
इस गीत में , मूंछ वाले गोरे युवक की भूमिका में यही , राकेश रोशन हैं --

http://www.youtube.com/watch?v=aIRztIeirDs

मशहूर संगीत निर्देशक श्री रोशन साहब के बड़े साहबजादे भी थे वे ..और हम रहते थे खार नामक उपनगर में और उसी के साथ लगा हुआ , नेक्स्ट , उपनगर आता है, " साँता- क्रूज़ " जिसका लिंकिंग रोड भी मशहूर है , वहीं आर्य समाज मन्दिर के सामने " श्री निकेतन " बिल्डिंग कोलोनी के ३ से मंजिल के एक फ्लैट में , रोशन साहब , रहते थे - इस कोलोनी में हमारे कई सहपाठी, कोलेज के दोस्त भी रहते थे और इसी आर्य समाज मन्दिर में हमारा ब्याह भी हुआ था और इसी आर्य समाज स्कूल में आजकी विश्व सुन्दरी , ऐश्वर्या राय , शायद हमारी शादी हुई उस वक्त , शिशु विहार में दाखिल हुई थीं ! ;-)
रोशन साहब की ख्याति , सिने संसार में , फ़ैली हुई थी .... उन्हीं का
स्वर बध्ध किया ये गीत सुनिए : फ़िल्म है " ममता "
http://www.youtube.com/watch?v=WsML3qb2tvQ

वहीं से , राकेश रोशन , उनके , बड़े पुत्र की , सिनेमा में हीरो की हैसियत से , कारकीर्दी शुरू हुई और उनके अनुज , राजेश रोशन , अपने पिताजी के नक्शे कदम पर चलकर सँगीत निर्देशक बने और
" कहो ना प्यार है " के सारे गीत जिन्होँन युवा वर्ग मेँ धूम मचा दी
वे उन्हीँ की सौगात हैँ !

http://www.youtube.com/watch?v=ZoI5kCPbi7M

सुना है , हृतिक रोशन की बहना , सुनयना कैंसर से लड़कर , आज भी मुस्कुराती हुई, जिंदगी के साथ , अपनी जंग जीतने की बाजी लगाए हुए हैं -- इस कलाकार से आबाद एक हँसते हुए परिवार के लिए , मेरी दुआएं ..हैं ...
रोशन साहब की यादों को हमारे स्नेहभरे , नमन !

और ये नीचे के चित्र में हैं स्वर्गीय राजेंद्र कुमार के बेटे गौरव , जो स्वर्गीय सुनील दत्त और अविस्मरणीय अदाकारा ,अभिनेत्री श्रीमता नर्गिस दत्त साहब की बिटिया नम्रता से ब्याहे और उनके बच्चे, संजय दत्त माने मामा जी के साथ , यहाँ मौजूद हैं -

और इस चित्र में हैं ऐ आर रहमान , सफल संगीतकार उनकी पत्नी सायरा के संग

मशहूर हस्तियाँ भी अकसर , आम इंसान की जिंदगी जीते , हम और आप की तरह इंसान ही होते हैं ॥
फिल्में , रजतपट , चकाचौंध और फिल्मी ग्लैमर हमें ये बात भूला देता है के ये भी कहीं हम जैसे ही होते हैं -

हाँ आजीविका और कमाई का साधन जो वे चुनते हैं, उससे वे सुर्खियों में रहते हैं और जनता कई मर्तबा ये समझती है मानो ये अलग मिट्टी से बने , कोई ख़ास किसम के इंसान होंगे -
दक्षिण भारत में , कई बार ऐसा भी हुआ है जब लोग सिने कलाकारों को , भगवान् की तरह पूजने लगे और उनकी प्रतिमाएं भी बनाईं, तस्वीर लगाईं और फूलों के हार भी , भक्तिभाव से चढाये गए और धुप दीप भी प्रज्वलित किया -

अब , ये सुनकर, कोई , हंसा भी होगा -- पर
दुनियाभर में सेलेब्रिटी के लिए, एक अदम्य आकर्षण रहता है । लोग सोचते हैं, ना जाने ये किस तरह जीते हैं, क्या खाते पीते हैं, कहाँ घुमते हैं, कैसे शौक पालते होंगें , कितना कमाते होंगें इत्यादी इत्यादी --

और इस पब्लिक की भूख को , शांत करने के लिए ही , समाचार , तरह तरह के मेगेजिन्स, संवाददाता का बहुत बड़ा कारोबार भी शामिल हो गया है -
२१ वीं सदी के आरम्भ में, दुनियाभर के देशों में ये , करोड़ों अरबों का बिझनेस है
इसीका एक हिस्सा है फोटोग्राफर्ज़ -

जिसे , यहाँ परदेस में " पापाराझीज़ " कहा जाता है --
ब्रिटेन की विश्व विख्यात राजकुमारी लेडी डायना के लिए , दीवानगी इतनी हद्द तक थी के उनकी मौत के वक्त भी , ये पापाराझीज़ की एक फौज से बचने के लिए , वे , मर्सीडीज़ कार को , तेज भगाने का लगातार आदेश दे रही थी और ड्राईवर ने शायद शराब पी थी ..और एक्सीडेंट हुआ जिसमे राजकुमारी की मौत हुई !

...उसके पीछे भी रहस्य कथा के सूत्र आज भी , बकरार हैं ..कोई कहता है, इंग्लैंड के राजघराने की ये साजिश थी ...सच का पता नही ...पर " लेडी डायना " की आकस्मिक मौत , दुनियाभर के , समाचार सूत्रों के लिए, सबसे ज्यादा , दर्शक संख्या , बढ़ाने का , ख़ास प्रोग्राम , बन गया था यहाँ तक के उनके हफ्ते भर बाद ही जब ,
" मधर टेरेसा " की मृत्य हुई , उनकी दर्शक संख्या , कम पाई गयी थी --

इसके पीछे भी एक ही बात थी -- " ग्लैमर " -- ये आज के युग का , आजके समाज का कड़वा सत्य है !
जहाँ , " पैसा शोहरत, पब्लिसीटी " सभी , हाथ में हाथ बांधे, एक साथ , रास्ता तय करते हैं।
इससे कोई भी तबका अछुता नही !

-- यही है आज के समाज का आइना , यही है , आजकी मानसिकता और यही है आज समाज की , समाचार सुनाने की विधा और उसे पचाने की हमारी , सभी की , पाचन शक्ति -

जैसा कहा जाता है यहाँ, ५ मिनट की शोहरत और बस , ५ ही मिनट की , हमारी उनसे जुडी , एकरसता या समरसता --
" अटेण्शन स्पेन " बस वही ५ मिनट का है --
आज, आपके ५ मिनट , इस पोस्ट के लिए :) ही सही .

..........चलिए , आज ये ही ...........फ़िर मिलेंगें ...जी ॥

18 comments:

Udan Tashtari said...

आपके पास भी जानकारी का जबरदस्त खजाना है..कभी न खत्म होने वाला.वाह!! आप भी ब्लॉगजगत की एक उपलब्धि हैं, सुनाते रहिये. आभार.

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

ग्लैमर की दुनिया के मसीहाओं को पारिवारिक तस्वीरों में देखकर अच्छा लगा। आपका आभार।

Harshad Jangla said...

Lavanyaji

Nice article.All links are very good.Information is interesting and pictures are rare.
Thanx.

-Harshad Jangla
Atlanta, USA

रंजू भाटिया said...

बहुत अच्छी सुंदर जानकारी है आपके पास ..यूँ उस से रूबरू होना बहुत अच्छा लगता है लिखते रहे

Smart Indian said...

लावण्या जी,
धन्यवाद, बहुत रोचक जानकारी है आपके पास. पढ़कर अच्छा लगा. मुझे याद है ओमप्रकाश जी का हमारे बरेली में एक सिनेमा हाल हुआ करता था.

बालकिशन said...

बहुत ही रोचक पोस्ट.
एकदम फ़िल्म की तरह चलती हुई.
बाकायदा सुरीले गीत-संगीत के साथ.
प्रस्तुति के लिए आभार.

मीनाक्षी said...

सच मे आपके पास तो दिलचस्प जानकारियो का खज़ाना है... बहुत रोचक पोस्ट चित्र और गीत-संगीत के साथ... आभार

Manish Kumar said...

बड़ा अच्छा लगता है आपके चिट्ठे पर बड़ी हस्तियों के पारिवारिक चित्रों को देखकर..

दिनेशराय द्विवेदी said...

डायना को लोग कितने समय याद रखेंगे, मदर टेरेसा तो अमर हो गई हैं।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

समीर भाई, काफी जानकारियाँ कुछ तो पहले बम्बई निवास के दौरान जानती ही थी कुछ रीसर्च या ऐसे ही पता लगतीँ हैँ - आभार :)आपने "उपलब्धि " कहकर बहुत इज्जत बख्शी है मुझे -
अत: धन्यवाद जी !
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

सिध्धार्थ जी,
आपका भी धन्यवाद!
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

Thank you Harshad bhai,
for finding this article of interest.
Much appreciate your kind comments.
warm rgds,
- L

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

शुक्रिया रँजू जी :)
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

अनुराग भाई,
( You indeed are a smart INDIAN !! :)
आपका भी, शुक्रिया ~~
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

बालकीशन जी,
गीतोँ को कथा के रोचक तत्वोँ के साथ पसँद करने के लिये आपका शुक्रिया !
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

शुक्रिया मीनाक्षी जी आपका भी !
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

शुक्रिया मनीष भाई आपका भी ~~
- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

दिनेश भाई जी,
जी हाँ मधर टेरेसा तो सँत स्त्री थीँ -
जो काम उन्होँने किया वह वँदनीय है -
पर आज भी लेडी डायना के बारे मेँ कोई प्रोग्राम टी.वी वाले यहाँ बतलाते हैँ तब तब दर्शक सँख्या मेँ लाख से करोड का उछाल आता है जो डायना की सुँदरता के पूजारी पास्चात्त्य जग की ओर इशारा करती है~~
आपका भी शुक्रिया -
- लावण्या