जन्म: २२ अप्रेल १९२९
बिदा : १० -०३ -२००० .
उषाकिरण जी मराठी भाषी होते हुए भी कई हिन्दी चित्रपट की सफल अभिनेत्री रह चुकी हैं । जिसमें पतिता फ़िल्म भी थी। लाल कंवर, नजराना, मुसाफिर, दाग, काबुलीवाला , आवाज़, बावर्ची, अनुराग, मिली और चुपके चुपके जैसी यादगार फिल्में उषाकिरण जी के सिने संसार की यादें हैं जिन्हें दर्शक देखते रहेंगें - दिलीप कुमार, देवानंद, अशोक कुमार, राज कपूर, धर्मेन्द्र , राजेष खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेताओं के साथ उषाजी ने काम किया है - महाराष्ट्र राज्य निगम ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभेनेत्री का सन्मान दे कर नवाजा था और वे बंबई शहर की मेयर भी रह चुकीं हैं।
उनकी लम्बी अदाकारी की यात्रा आशीर्वाद नामके नाटक से शुरू हुई थी - उषाजी के पिताजी ने उन्हें , चित्र जगत में प्रवेष करवाया था जबके उषाकिरण जी को उनकी युवावस्था में फिल्मों में काम करने में स्वयं कोई इच्छा नहीं थी - परिवार को आर्थिक सहायता मिले इस ख़याल से ही , ये सुंदर कन्या मन मार कर , फ़िल्म जगत की एक हसीं तारिका बन गयीं।
शुरू शुरू में उन्होंने मराठी फिल्मोंमें भी काम किया था -
ये देखिये फ़िल्म का नाम है " कंचन गंगा " जिसमें गीत के साथ उषाकिरण जी का अभिनय उत्कृष्ट कोटि का है ...शुध्ध मालकौंस राग की जादूगरी बहा रहीं हैं लता मंगेशकर जी, भारत की अमूल्य निधि ,
स्वर ~ कोकीला ....शब्द हैं : " श्याम सुंदर रूप नयन राजीव ...."
उसके बाद कई दूसरी फिल्मों में उषाकिरण जी ने काम किया जैसे, गुजराती भाषा की सफल फ़िल्म " मेंहदी रंग लाग्यो "
" मिलन " फिम्ल का गीत ; " हाय जिया रोये "
"दिल भी तेरा हम भी तेरे " साथ में थे बलराज साहनी जी --
उषाकिरण जी ने आत्मा कथा लिखी है जिसका नाम है " उषा काल " जो मराठी भाषा में है - उषाजी की मुलाक़ात डाक्टर मनोहर खेर से हुई - वे बड़े ही सज्जन और लंबे, दुबले पतले परन्तु बड़े शालीन इंसान थे - उन्होंने उषाजी को आज़ादी दी की वे जब चाहें फिल्मों में काम करें और या गृहस्थी का आनंद लें -
उषाजी ने मिली और बावर्ची या चुपके चुपके जैसी फिल्में भी कीं परन्तु उनका मन उनकी २ संतानों में ही ज्यादा लगा रहा - अद्वैत खेर , पुत्र हैं जो अब शायद नासिक शहर में होटल देखते हैं और बेटी संहिता ने फिल्मोंमें काम किया तब तन्वी
नाम अपना लिया था - पहली फ़िल्म में काम करते समय खूबसूरत तन्वी का छायांकन करते , फ़िल्म के फोटोग्राफर साहब का दिल कमरे के लेंस से , ये नई हिरोइन को देख , अपना दिल , बेगाना - सा होता लगाने लगा और फ़िल्म ख़त्म होते होते , एक रात , खलनायक प्राण अंकल की बिटिया पिंकी के घर पर , दोनों ने एक साथ जीने की कसम खा लीं - उषाकिरण जी और मनोहर जी को धक्का लगा क्यूंकि उनका नया दामाद, मुसलिम था - परन्तु था , संभ्रांत परिवार से - जी हाँ, ये लड़का था अदाकारा शबाना आज़मी का भाई cinemotographer "बाबा आज़मी " और तन्वी आज़मी के पति ! और मशहूर शायर जनाब कैफी आज़मी जी के साहबजादे ! उषाकिरण आंटी और डाक्टर मनोहर खेर मेरे, ससुर जी ( kanti lal shaah )केमित्र थे और हमारे बेटे सोपान के जन्म के समय, डाक्टर मनोहर जी ने सोपान की घर पे मिलने आए थे तब जांच भी की थी - उषाकिरण जी बड़ी उमर में भी सुंदर ही रहीं ..
.७१ साल की होकर संसार से बिदा हुईं --
10 comments:
इनमें से कई फिल्में देखि हैं पर उषाजी को न जानता था. अच्छी जानकारी दी आपने एक बार फिर.
उषाकिरण जी के बारे में जानकर अच्छा लगा. आभार.
आपने उषाकिरण जी के बारे में बता कर हमारे अल्प फिल्मी ज्ञान में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की। बहुत धन्यवाद।
फिल्मी दुनियाँ की चमचमाहट और नकली पन के पीछे के कुछ खूबसूरत रिश्तों को जान कर हमेशा अच्छा लगता है। ये पता न था कि तन्वी उषा जी की पुत्री हैं। हाँ कर्म से तो कैफी आजमी परिवार हमें ब्राह्मण ही लगता आया है।
Lavanyaji
Detailed blog with interesting info.
Thanx.
वाकई कभी गौर नही किया था की तन्वी उनकी पुत्री है......
लावण्या जी
तन्वी उषाकिरण जी की पुत्री हैं ये जानकारी तो सच में आज मिली...हम पूरे आज़मी परिवार के फेन हैं...कैफी से लेकर तन्वी तक....उषा जी की कई फिल्में देखी हमने लेकिन इतनी जानकारी पहली बार प्राप्त हुई....धन्यवाद.
नीरज
उषाकिरण जी के बारे में जानकर अच्छा लगा, तन्वी उषाकिरण जी की पुत्री हैं ये जानकारी तो सच में आज मिली
मेरा ब्लॉग भी देखे
सभी चेहरे जाने पहचाने हैं लेकिन इनके आपसी रिश्तों से हम परिचित नहीं थे। आपने परिचय कराया और साथ में मधुर संगीत भी… आनन्द आ गया। आभार…।
`पतिता' देखने के बहाने आपने यह लिंक दिया, तो खुशी दोगुनी हो गई है। बड़ी रोचक और नवीन जानकारी मिली। वाह !
धन्यवाद आपका।
Post a Comment