" दर भी था थीं दीवारें भी , माँ
तुम से ही घर घर कहलाया "
ये गीत सुनकर अकसर मैं, बहुत ज्यादा भावुक हो जाती हूँ ॥
फिल्म्: भाभी की चुडियाँ :
http://www.youtube.com/watch?v=1Cz4dJfpPG0
स्व मुकेशचँद्र माथुर जी की दिव्य - स्वर लहरी , स्व पण्डित नरेन्द्र शर्मा के पवित्र शब्द और स्व सुधीर फडके जी का संगीत , परदे पे, स्व मीना कुमारी का सशक्त अभिनय , भाभी के अन्तिम श्वास , देवर का उनके समीप , पूजाभाव से , गीत गाते , रोना ..कुल मिलाकर , ये गीत , अंतर्मन को झकझोर देता है ..
.देखिये , बहुत समय से इसे खोज रही थी ..आज मिला है ...
9 comments:
बहुत ही प्यारा गीत है यह ...
वाह ! बहुत सुंदर. बहुत बहुत शुक्रिया इतना बढ़िया गीत सुनवाने का.
meri bhee ankhe nam v dil bhaari ho jata hai.bahut acha likha aapne shu kamna.
कभी विविधभारती पर इस गीत को सुना था, फ़िल्म की कहानी के साथ. सुंदर गीत !
बड़ा सुन्दर गीत.
धन्यवाद जी। मां पर जो लिखा/कहा/सुना जाये, वही अद्भुत होता है।
वाकई एक अजीब सी मिठास है...
Very touching song. Brought tears in eyes.
Thanx Lavanyaji.
रँजू जी, मीत जी, रेनुबाला जी, अभिषेक भाई, समीर भाई, ज्ञान भाई साहब, अनुराग जी, हर्षद भाई ,
आप सभी ने इस मार्मिक गीत को पसण्द किया और यहाँ आकर आपकी बहुमूल्य टिप्पणीयाँ भी रखीँ हैँ जिसके लिये मै , आप सभी की आभारी हूँ - स स्नेह,
-लावण्या
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