Saturday, May 3, 2008

गोरा और काला

ये चित्र है वैजयन्तीमाला का !
तुम काली हो ये फरीश्तों कि भूल है।
वो तिल लगा रहे थे कि स्याही बिख़र गयी।
अब मैं समझा तेरे गालों पर काले तिल का मतलब ,
दौलते हुस्न पर दरवान (watchman) बिठा रखा है ।
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बड़ी मुश्किल बाबा बड़ी मुश्किल , गोरे गोरे गलों पे है काला काला तिल ;-)
ये नृत्य, गीत देखिये
http://www.youtube.com/watch?v=6cQAUQc04f4


5 comments:

राज भाटिय़ा said...

धन्यवाद इस काले तिल का राज बताने के लिये,गीत भी अति सुन्दर लगा, पहले तो सोचा कोई वैजयन्तीमाला का गीत होगा चित्र देख कर , लेकिन ध्यान से पढने पर तिल का राज खुला.

Udan Tashtari said...

बढ़िया है:

इसे ऐसे कुछ सुना था:

अब समझा तेरे रुखसार पर तिल का मकसद
दौलते हुस्न पर दरबान बिठा रखा है......

-बस, याददाश्त में इस तरह बैठा है. :)

Abhishek Ojha said...

अब मैं समझा तेरे गालों पर काले तिल का मतलब ,
दौलते हुस्न पर दरवान बिठा रखा है


वाह क्या बात है !

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

राज जी, समीर भाई अभिषेक भाई , आप की बातेँ ध्यान से सुन रही हूँ -
टिप्पणी के लिये आप सभी का शुक्रिया -
-- लावण्या

कंचन सिंह चौहान said...

तुम काली हो ये फरीश्तों कि भूल है।
वो तिल लगा रहे थे कि स्याही बिख़र गयी।

ham jaise logo khush karne ke liye shayar aise sher kabh kabhi likh hi dete hai.n