लता जी के गाए २ विस्मृत गीत : लता मंगेशकर जी करीब १९४५ , ग्रामोफोन कंपनी इंडिया Ltd (HMV) ने 'प्राइवेट ' गीत , कई गायकों के, उनकी (subsidiary) / अन्तर्निहित 'कोलंबिया ' लेबल से जारी किए --जिसका, " बाघ के सिर वाला " लोगो था। ये वो समय था जब , हिन्दी फिल्मों का संगीत ज्यादा मशहूर हो चला ता बनिस्बत नाटक / रंगमंचीय संयोजन इत्यादी के - और नाटकीय गीतों की रचना में कमी आने लगी थी । ये रेकॉर्ड १० " व्यास की गोल डिस्क पर , बनाए जाते थे जो १ मिनट में ७८ बार घुमाते हुए (rp.m.) हुए ३ मिनट तक बज कर , ख़त्म हो जाते थे। एक ऐसी ही बहुत पुरानी रेकॉर्ड, जिसका ८०३५ क्रमांक है -- जिस को गाया है , कुमारी लता मंगेशकर ने :'तुम चन्दा मैं बनू चकोर 'और'नार नवेली रीत न जाने '.रेकॉर्ड नम्बर GE ८०४८ लगता है , प्रायवेट रेकॉर्ड है जिसकी बहुत ही कम मूल प्रतियाँ बनाईं गयीं थीं : मतलब = 'Made to Order'। जिसमें यही दो गीत हैं ' प्राणोँ मेँ अमृत घोल 'और'मैं तुम्हारे ही स्वरोंमें '.रेकॉर्ड का लेबल है : 'हिन्दुस्तानी ' और दोनों गीत डांस - बेले 'भगवान बुध्ध ' नामक शीर्षक के लिए बनाए गए थे :निर्माता है , श्री . शान्तिकुमार चित्रे .लेबल पर दूसरे नाम हैं -संगीत : श्री . हरेंद्रनाथ नंदी व सँयोजक : आचार्य सीताराम चतुर्वेदी .शायद इन दोनो गीतोँ की सँरचना गीत / नृत्य / इस नृत्य नाटिका मेँ इस्तेमाल की गयीँ . ये बात भी अज्ञात है कि क्या इन गीतोँ को व्यापारीय तौर पर आगे बेचा भी गया था या नही ? कि सिर्फ कलाकारोँ और इस नृत्य नाटिका से जुडे हुए कलाकारोँ के बीच ही इस रीकोर्ड को वितरित किया गया था ? ये प्रश्न भी , उत्तर के बिना आज भी, वैसे ही उपस्थित हैँ परँतु, एक बात १०० % फीसदी पक्की है कि दोनोँ ही गीत बहुत ही कर्णप्रिय व मधुर हैँ जिन्हेँ लता जी ने उस समय गाया म जब वे हिन्दी फिल्म उध्योग मेँ अपने पैर जमा रहीँ थीँ और उन्हेँ तब तक वो सफलता की मँज़िल हासिल नही हुई थी जो उन्होँने, बरसात : ( १९४८ ), जैसी फिल्म की सफलता के बाद हासिल कर ली थी।
" भगवान बुध्ध " नृत्य नाटिका के इन २ गीतोँ मेँ लता जी का स्वर, एक ,ताज़गी एक कमाल की सादगी लिये हुए भी निहायत पवित्र और क्लासीकल सँगीत के समीप हो ऐसा लगता हैदोनोँ ही गीत स्लो टेम्पो मेँ गाये गये हैँ और शाँत व भक्ति भाव लिये मूड मेँ गाये गये हैँ। ये बात भी पता नहीँ कि क्या लता जी ने भी इस नृत्य नाटिका मेँ काम किया था या नहीँ ? अगर आप मेँ से किसी को भगवान बुध्ध नाटिका के बारे मेँ कोई भी जानकारी हो तब अवश्य आगे आयेँ और बतलाने का कष्ट करियेगा -अबा दोनों गीतों के शब्द -गीत -- १ -मैं तुम्हारे ही स्वरोंमें ,गीत अपने गा रही हूँऔर अपनी कल्पना में ,मैं तुम्हे , उलझा रही हूँ ...जा रहे पल पल विफल ये ,सल नही मेरे ह्रदय मेंतुम जहाँ गति देखते हो ,मूर्च्छना है मंद लय मेंस्वर भरे आसावरी के,किंतु दीपक गा रही हूँ .....तुम कहाँ ओ चल दिए ,मुझको अटल सन्देश देकरले लिया पथ कष्टमय ,विश्राम का आदेश दे करपर तुम्हारे नाम से ही ,मैं ह्रदय बहला रही हूँ ....गीता - २ -प्राणोँ मेँ अमृत घोल , रि बोल , रि बोलमंद मंद मलायानील डोले ,विमल कमल के बन हिंडोलेसुधा उन्डेले जाओ सुधाकर ,जग जीवन अनमोल , रि बोल ....मैं चातक तू स्वाति का घन ,अर्पण है मेरा तन मन धनअपनी करुनके सगर्में ,मेरी करुना घोल , रि बोल ....२मानस की लहरों मेँ पला ,हंस बिनता मुक्ता मालाव्याध फसाने चला जाल मेँ ,अपने हाथों खोल , रि बोल ...
- सुरेश चँदावरकर
Re: Lataji 's AALAAP --- & then soft sign off -- lends the song a signaturea " chaap " ~~~ which is HERS & hers only !!& Sree Raj Kapoor saab was the greatest fan of Didi's Alaaps.In Modern times Yash Chopraji has used Didi;s alaaps for Yash Raj Banner DVD, Films & at many places in his numerous movies as if to lend them a touch of Ambrosic, immortality.My Lata Didi : ~~~She is what she comes across in her singing--- a BEAUTIFUL FEMALE, inside & OUT , an honest & sincere kalakaar , a komal hriday walee NARI-- & above all this , a GREAT human being ---Maa SARASWATI has chosen her to be HER OWN VOICE ---I BOW DOWN to the LIGHT , THE SOUND that emenates from DIDI as a PRASAD of MAA ---Re: aleep --- I was once present when Didi was singing SSS 's song" Sunee jo unke aane ki aahat gareeb khana sajaya humne"& Raj saab was strictly instructed by Lataji[ via some one ] not to ENTER her recording space ;-))Raj saab , a very mischievious fellow , put just half of his leg inside as he came , near to REQUEST DIDI' please kuch aalaap jod dijiye na Lataji ees Gana mei " ......& Didi fumed & said under her breath , " alaap hee alaap se poori record bhur doongi -- fir aise hee gana ko release ker dijiyega " ....& we all burst out laughing ....This is a page from my Memories :BY Lavanya
Saturday, April 26, 2008
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4 comments:
नयी जानकारी, मगर क्या ये गीत सुनने को मिल सकते हैं?
बहुत अच्छा लगा पढकर.
दीनेश भाई जी,
ये गीत मेरे पास नहीँ हैँ -
ये आलेख श्री सुरेश चँदावरकर जी " ने लिखा था अँग्रेज़ी मेँ जिसे मैँने हिन्दी मेँ
रुपाँतरित किया है -- उनका नाम भी दिया है --
-लावण्या
अतुल भाई,
आपका भी धन्यवाद !
-लावण्या
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