मिसिज़ सील्डा ऐलीयट स्पित्ज़र
न्यू -- यार्क राज्य के गवर्नर जनरल के ओहदे पर , सत्ता की बागडोर सम्हाले हुए ऐलीयट स्पित्ज़र ने अभी चंद मिनटों पहले इस्तीफा दे दिया और उनकी कुर्सी सम्हाली नये गवरर्नंर डेविड पेटर्सन ने जो लगभग अँधे हैँ -- और ब्लेक जन समुदाय से हैँ -- ये एक ऐतिहासिक बदलाव है अमरीकि राजनीति का और बदलते सामाजिक नज़ारोँ का -- देखिये लिंक :
http://www.newsday.com/news/local/state/ny-stspit0313,0,7645883.स्टोरी
सबसे ज्यादा दुख हुआ उनकी पत्नी सील्डा के चहरे को देखकर ! करे कोइ , भरे कोइ !!
साफ झलक रहे हैं ऐसे ही भाव उनके व्यथित चेहरे पर ! अचानक ये पुराना गाना याद आ गया --
" दील अपना और प्रीत पराई, किसने है ये रीत बनाई "
हां, पात्र दुखिया , पति को परमेश्वर माननेवाली , सती सावित्री की इमेज से मेल खाती, स्त्री की तो नही है फ़िर भी ,न जाने क्यूं, ३ पुत्रियों की मां, सील्डा को व्याभिचारी पति , जो उच्च पद पर आसीन थे, जिनकी समाज के सामने , दुनिया के सामने बेइज्जती हुई है, वैसे पति के साथ इस मुश्किल क्षण में साथ देती , एक धर्मपत्नी को, देखें तो , उस बात से उभरी ग्लानि, साफ है सील्डा के चहरे पर -
- ये बात स्पष्ट हो जाती है --
बात यही है , अमरीका हो चाहे, रशिया या दुनिया का कोइ भी देश, हर समाज के अपने मापदंड होते हैं जिनसे हर नागरिक का मूल्यांकन होता है।
स्त्री , की भूमिका अकसर "दो पाटन के बीच में " जैसी होती है।
मैं ये नही कह रही के, पुरूष वर्ग को , किसी मुसीबत का, कभी सामना करना ही नही पड़ता --
- अरे ना , ना !
उनकी भी अपनी अलग , तरह की समस्याएं होतीं हैं, परंतु, एक स्त्री को समाज में, ज्यादा दुरूह , स्थितियों से मुकाबला करना पड़ता है।
जिसको हम , हमारे आस पास घटती , बातों मेँ अक्सर देखते रहते हैं।
नारी सशक्तीकरण एक लंबा सफर है -
- जिस , पर आज की २१ वीं सदी की नारी चल रही है, रास्ता तय कर रही है -
- खैर ! नये गवर्नर तो गए ! अब, नये की बारी है -
- देखना है एक अंध , अश्वेत मगर सक्षम ३१ वर्षीया व्यक्ति क्या क्या कर लेता है -
- स्पित्ज़र साहब ने "एनरोंन "--- जैसी विशाल कम्पनीयों का पर्दाफाश करने में सक्रीय भूमिका निभाई थी । आज , उनके जाने से ' वाल स्ट्रीट " में खुशी की लहर दौड़ गयी है ।
(न्यू -- यार्क से)
न्यू -- यार्क राज्य के गवर्नर जनरल के ओहदे पर , सत्ता की बागडोर सम्हाले हुए ऐलीयट स्पित्ज़र ने अभी चंद मिनटों पहले इस्तीफा दे दिया और उनकी कुर्सी सम्हाली नये गवरर्नंर डेविड पेटर्सन ने जो लगभग अँधे हैँ -- और ब्लेक जन समुदाय से हैँ -- ये एक ऐतिहासिक बदलाव है अमरीकि राजनीति का और बदलते सामाजिक नज़ारोँ का -- देखिये लिंक :
http://www.newsday.com/news/local/state/ny-stspit0313,0,7645883.स्टोरी
सबसे ज्यादा दुख हुआ उनकी पत्नी सील्डा के चहरे को देखकर ! करे कोइ , भरे कोइ !!
साफ झलक रहे हैं ऐसे ही भाव उनके व्यथित चेहरे पर ! अचानक ये पुराना गाना याद आ गया --
" दील अपना और प्रीत पराई, किसने है ये रीत बनाई "
हां, पात्र दुखिया , पति को परमेश्वर माननेवाली , सती सावित्री की इमेज से मेल खाती, स्त्री की तो नही है फ़िर भी ,न जाने क्यूं, ३ पुत्रियों की मां, सील्डा को व्याभिचारी पति , जो उच्च पद पर आसीन थे, जिनकी समाज के सामने , दुनिया के सामने बेइज्जती हुई है, वैसे पति के साथ इस मुश्किल क्षण में साथ देती , एक धर्मपत्नी को, देखें तो , उस बात से उभरी ग्लानि, साफ है सील्डा के चहरे पर -
- ये बात स्पष्ट हो जाती है --
बात यही है , अमरीका हो चाहे, रशिया या दुनिया का कोइ भी देश, हर समाज के अपने मापदंड होते हैं जिनसे हर नागरिक का मूल्यांकन होता है।
स्त्री , की भूमिका अकसर "दो पाटन के बीच में " जैसी होती है।
मैं ये नही कह रही के, पुरूष वर्ग को , किसी मुसीबत का, कभी सामना करना ही नही पड़ता --
- अरे ना , ना !
उनकी भी अपनी अलग , तरह की समस्याएं होतीं हैं, परंतु, एक स्त्री को समाज में, ज्यादा दुरूह , स्थितियों से मुकाबला करना पड़ता है।
जिसको हम , हमारे आस पास घटती , बातों मेँ अक्सर देखते रहते हैं।
नारी सशक्तीकरण एक लंबा सफर है -
- जिस , पर आज की २१ वीं सदी की नारी चल रही है, रास्ता तय कर रही है -
- खैर ! नये गवर्नर तो गए ! अब, नये की बारी है -
- देखना है एक अंध , अश्वेत मगर सक्षम ३१ वर्षीया व्यक्ति क्या क्या कर लेता है -
- स्पित्ज़र साहब ने "एनरोंन "--- जैसी विशाल कम्पनीयों का पर्दाफाश करने में सक्रीय भूमिका निभाई थी । आज , उनके जाने से ' वाल स्ट्रीट " में खुशी की लहर दौड़ गयी है ।
(न्यू -- यार्क से)
3 comments:
काश हमारे देश में भी बड़े लोगों के खिलाफ कार्यवाही होती। यहां पर तो सब दब जाता है।
Lavanyaji
Very latest news nicely covered.
Thanx.
उचित संवेदनाओं से भरी उत्तम जानकारी देने का शुक्रिया...!
Post a Comment