"कहता है जोकर सारा जमाना आधी हकीकत आधा फसाना" ...
आहा ! ये चली १० हाथियों की कतार , एक के पीछे एक , संगीत के साथ कदम मिलाते हुए, धारीदार नीला ओर सुफेद परदा खुला और याद आ गया ये गीत, " चल चल मेरे साथी, ओ मेरे हाथी, चल ले चल, खटारा खींच के, चल यार, धक्का मार "
बच्चों के साथ हम भी बच्चे बन गए और बरसों बाद सर्कस देखने गए। जी हां, अब नाती नोःआ जी , २ बरस के हो जायेंगें , अप्रेल माह में, वे अब काफी समझदार हो चले हैं, जिस चीज को देखते हैं, उसके प्रति कौतुहल रहता है , जानकारी मिलने पर , उसे खुशी होती है। हमने ये कलाबाजीयाँ करते मसखरे , विदूषक की टोपी भी खरीदी जिसके साथ
we bought cotton candy & a funny polka dot HAT ,
just like the "CLOWN " wore !! ;-)
http://www.ringling.com/Info रिन्ग्लिंग ब्रोस। सर्कस
9 comments:
बहुत खूब। सर्कस देखे हमें भी बरसों हो गए। अलबत्ता साल में एक दफा राजकपूर का अधूरा फसाना देख लेते हैं।
सही है..सर्कस देखे तो यहाँ भी जमाना गुजरा. :)
Lavanyaji
Interesting blog. Links are also very good.I remember Gemini Circus,Bombay Circus and many more having visited in Mumbai in 60s and 70s.
Thanx.
लावण्या जी,
सर्कस की लिंक देने का शुक्रिया! बहुत दिनों पहले ४ वर्षीय बिटिया को वादा किया था सर्कस दिखाने का, लिंक से यहां के शो की तारीख मिल गई।
इस फसाने के बहाने परिवार देख लिया शुक्रिया ...
आजकल यहां सर्कस चल रहा है आपकी पोस्ट ने सर्कस देखने की इच्छा जगा दी।
ममता जी ,
अवश्य सर्कस देखियेगा !
कुछ घँटे मनोरँजक गुजरेँगेँ !
:-)
समीर भाई , अजित भाई , नितीन भाई ,
आभा जी ( मेरे परिवार की ओर से आपके परिवार को शुभकामनाएँ )--
आप सभी का यहाँ आकर मेरी बात को पढने का आभार !
Yes Harshad bhai, Our city Mumbai used to get these wonderful Circuses , your recollection is apt - thanx 4 your visit & comment
Rgds,
L
Post a Comment