अपने हाथ से बुने खादी के वस्त्रों में , गाँधी बापू सर्दियों में सुफेद वस्त्रों में लिपटे , मुस्कुराते हुए महात्मा गांधी
नीलम बेन परीख , बापु जी की पड़ पौती, चौपाटी बंबई में, महात्मा गांधी जी की अस्थि विसर्जन करते हुए , साथ में उनके कई परिवार जन , भी साथ थे।
कलश को मणि भवन से शोभा यात्रा में, देश के
सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित बिदा किया गया .
१९४८ की १२ फरवरी के दिन, अलाहाबाद के पवित्र संगम पर महात्मा गांधी के पार्थिव शरीर की अस्थियों को प्रवाहित किया गया था।
फिर १९९७ के दिन, गांधी जी के पोते श्री तुषार गांधी ने
बापू की अस्थियों के कलश को फिर संगम में प्रवाहित किया -
नीलम बेन परीख , बापु जी की पड़ पौती, चौपाटी बंबई में, महात्मा गांधी जी की अस्थि विसर्जन करते हुए , साथ में उनके कई परिवार जन , भी साथ थे।
कलश को मणि भवन से शोभा यात्रा में, देश के
सर्वोच्च नागरिक सम्मान सहित बिदा किया गया .
१९४८ की १२ फरवरी के दिन, अलाहाबाद के पवित्र संगम पर महात्मा गांधी के पार्थिव शरीर की अस्थियों को प्रवाहित किया गया था।
फिर १९९७ के दिन, गांधी जी के पोते श्री तुषार गांधी ने
बापू की अस्थियों के कलश को फिर संगम में प्रवाहित किया -
- ये दूसरा कलश, एक बैंक के लोकर से प्राप्त हुआ था।
उस घटना के बाद सं २००८ में , ३ रा कलश मिला !
जिसे बंबई शहर के गिरगाम, चौपाटी के समुद्र किनारे पर,
उस घटना के बाद सं २००८ में , ३ रा कलश मिला !
जिसे बंबई शहर के गिरगाम, चौपाटी के समुद्र किनारे पर,
जल में प्रवाहित किया गया।
ये तीसरा कलश, दुबई के एक व्यापारी के पास
सुरक्षित रखा हुआ था और उसने बंबई के संग्रहालय को भेजा था।
बापू की अस्थियों का ४ था कलश, पुणे शहर में आगा खान महल में थासुरक्षित रखा हुआ था और उसने बंबई के संग्रहालय को भेजा था।
जहाँ पर बापू को १९४२ से १०४४ तक अंगरेजी हुकूमत के आदेश पर बंदी बनाकर रखा गया था।
५ वां कलश अमरीका के "लोस -एंजिलिस " शहर में
Self-Realization Fellowship Lake Shrine के पास सुरक्षित है।
और श्रेध्धेय बापू की अस्थिंयाँ, जहां कहीं भी रखीं हों
वहां पर , श्रध्धालुओं के दर्शन करने आना, स्वाभाविक - सी बात हो जाती है।
बापू ने अहिंसा, प्रेम, सदाचार, सर्व धर्म समभाव, सत्याग्रह, सत्य निष्ठा , भारत छोडो, स्वराज्य , खादी , आश्रम निवास, अस्पृश्यता उन्मूलन , हर मानव को समान मानो, सर्वोदय , शुचिता व स्वछता के प्रति आग्रह , खेतिहर किसान, मजदूर के प्रति प्रेम व उनके उन्नति के लिए प्रयास
ऐसे कई सारे सत्कार्य बापू जी ने किये थे।
कई बुरी बातों का और फैसलों के प्रतिकार स्वरूप
बापू जी ने उपवास और अनशन किये थे।
ऐसे भारत के रत्न को ,
आज सच्चे मन से प्रणाम करते हुए, मेरे श्रद्धा सुमन अर्पित हैं --
8 comments:
बापू युगों तक मानव-मानस को मार्ग दिखाते रहेंगे। उन्हें श्रद्धांजलि।
पूज्य बापू को शत शत नमन !
शत-शत नमन !!
પોસ્ટ બહુ સારી લાગી .
Bapu ko naman....lavanya di,Different boley to jhakkas....
बापू को नमन।
आप के बलॉग मे हमें एक बात बहुत अच्छी लगती है की आप हमेशा नयी-नयी फोटो लगाती है।
आपकी नानी की फोटो देख कर अच्छा लगा।
Lavanyaji
I believe another Gandhi can never be born in next million years.
Right blog on a right day with some fresh news of Mumbai.
Thanx & rgds.
ज्ञान जी,
अन्नपूर्णा जी
पारुल ( आपके आग्रह पे "जी" नहीँ लगाया :)
सँजीत जी,
अफलातून भाई,
ममता जी,
हर्षद भाई
आप सभी के साथ मेरी श्रध्धाँजलि
पूज्य बापू के प्रति शामिल करते
सुकून मिल रहा है
स्नेह सहित,
-लावण्या
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