ये है ओरिस्सा मेँ बना मत्स्यावतार का पट चित्र
ये हैँ नोआ :--)))
...मेरा ग्रेन्ड सन .....
He is NOAH ( spoken same as Goa ) my Grand son ..
* & i'm his proud Nani !!
.आपको याद है ना नोआ'ज़ आर्क की क़हानी ?
अचरज की बात भले लगे परँतु हमारे भागवत मेँ महाविष्णु के "मत्स्यावतार " की कथा से इन नोआ महाशय की कथा बहुत मेल खाती है --
"मत्स्यावतार " http://kids.swaminarayan.org/thingstoknow/99to100.htm
जहाँ महाविष्णु ने राज सतयव्रत को एक विशाल मत्स्य यानि मछली के रुप मेँ, अभय दान दिया था और कहा था कि, " धरती जब जल मेँ डूब जायेगी तब मैँ तुम्हारी रक्षा करुँगा "
हयग्रीव दानव का फिर उन्होँने सँहार किया था ~
द्वारिका मेँ निर्मित "शँख नारायण " मँदिर मेँ मत्स्य अवतार रुपी कृष्ण और महाविष्णु का पूजन किया जाता है ~
और ये तेलेगु भाषा मेँ भी ऐसी ही कथा आँध्र प्रदेश मेँ भी है
http://www.telugubhakti.com/telugupages/Monthly/Bhaktas/content1.htm
यही कहानी कुराने पाक मेँ भी आती है -
- ऐसा वीकीपीडीया मेँ लिखा है देखेँ लिन्क -
http://en.wikipedia.org/wiki/Noah's_Ark
&
http://www.yrm.org/Noah's%20Ark%20Story.htm
जहाँ नोआ को "नुह " कहा गया है
और जो बडी कश्ती उसने बनाई थी उसे "सफीना " कहा गया था.
पुराने समय मेँ भी दुनिया मेँ जब पाप बढने लगा तब सर्व शक्तिमान ऊपरवाले ने पानी का सैलाब बहा दिया जिसमेँ सारी धरती डूबने लगी परंतु उसके पहले नोआ का परिवार अपनी बडी नौका मेँ खाने पीने की सारी सामग्री लेकर और हर तरह के जानवर की नस्ल के साथबच गये और उन्हीँ से दुबारा धरती पर आबादी बढी और सभ्यता और सँस्कृति का विकास हुआ था -
-अब कथा कहानियाँ , किस्से तो बहुत हैँ .
.उन्हेँ अक्षरश: सत्य मानेँ या नहीँ ये आपकी श्रध्धा का विषय है ~~
.परँतु हमारी बिटिया का नामकरण हमने किया था "सिँदुर " और उसे ये हक्क है कि वो अपने बेटे का नामकरण करे !
..तो नाम उसीने चुना......."नोआ "....Noah .
.ये कहकर कि ये भी एक अच्छा इन्सान बनेगा !
मेरे आशिष तो हैं ही, आप भी दीजियेगा .
.शुक्रिया ! :)
8 comments:
अरे, नोआ जी की तो खूब मस्ती चल रही है. देखकर अच्छा लगा. बहुत प्यारा बच्चा है.
हमारा बहुत बहुत प्र्यार और आशीर्वाद.
Lavanyaji
Great clip of Noah, he looks very cute.God bless him. You are a proud Nani!
Gtrat info too.
समीर भाई,
आपके आशीर्वाद से नोआ जी भी मस्ती तो करेँगे परँतु साथ साथ एक अच्छे कवि और उससे भी बढिया इन्सान बन जायेँगे..बिलकुल आपकी तरहा .. उसका मुझे पूरा भरोसा है !
स्नेह बनायेँ रखियेगा :)
-- लावण्या
Thank you so much Harshad bhai
It is good to see you here & that you are reading my humble effort regulerly ...
Your Blessings & affection are greatly appreciated !
- warm rgds,
-- Lavanaya
नोआ को बहुत बहुत प्यार और आशीर्वाद । आशीर्वाद का नाम लिया तो दुश्यंत कुमार जी की ये कविता याद आ गई जो मुझे बेहद पसन्द है :
एक आशीर्वाद
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जा तेरे स्वप्न बड़े हों।
भावना की गोद से उतर कर
जल्द पृथ्वी पर चलना सीखें।
चाँद तारों सी अप्राप्य ऊचाँइयों के लिये
रूठना मचलना सीखें।
हँसें
मुस्कुराऐं
गाऐं।
हर दीये की रोशनी देखकर ललचायें
उँगली जलायें।
अपने पाँव पर खड़े हों।
जा तेरे स्वप्न बड़े हों।
नोआ तो बहुत प्यारे है। नोआ को ख़ूब सारा प्यार और आशीर्वाद । नोआ की नानी को धन्यवाद हम सबसे नोआ को मिलवाने का।
अनूप भाई,
आप के आशिष नोआ के लिये दूर तक साथे चलेँगेँ
इस बात का पूरा यकीन है और इतनी सुँदर कविता को सहेज कर रखा जायेगा !
ढेरोँ शुक्रिया
-- लावण्या
ममता जी ,
आपकी सद्`भावना और प्यार नोआ को मिला ये हम दोनोँ की खशकिस्मती है ! :)
ढेरोँ शुक्रिया !
-- लावण्या
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