Sunday, September 16, 2007

सास भी कभी बहु थी ! बच्चन परिवार की झाँकी :)


जब गुड्डी जया भादुरी दुल्हन बनीँ अमिताभ बच्चन कीँश्रीमती तेजी हरिवँशराय बच्चन अपने बडे पुत्र अमिताभ के साथ

आज्ञाकारी बेटी, आदर्श नँदा परिवार की बहु,
पुत्री नव्य नवेली + पुत्र अगत्स्य की मम्मी श्वेताम्बरा निखिल नँदासास भी कभी बहु थी ! ;-))
जया , श्वेता नँदा और ऐश्वर्या, अभिषेक के साथ, मँदिर मेँ पूजा करते हुए
**********************************************
अरे ये ना समझेँ कि बस .
..इतने फोटो दीखला दिये और बात खतम .
.किस्सा खतम , खाना हजम ..
..नहीँ जी ! :)
फिर लौटेँगेँ ...
कूछ सनहरी यादोँ के साथ ...
जैसा सुझाया है मेरी भाभी ,रजनी भार्गव जी ने
अभी हिन्दी ब्लोग ~~ जगत मेँ यादेँ बाँट लूँ ..
फिर , भविष्य मेँ मेरे सँस्मरणोँ की पुस्तक भी आ ही जायेगी इन्शाल्लाह ! :))

18 comments:

Udan Tashtari said...

समय कितना तेज बदलता है?? है न??

Divine India said...

आदरणीय मै'म,
यह प्रस्तुति भी लाजवाब रही…
यही तो चक्र है जीवन का गोल चक्र पुन: नवीनता दूसरे कदमों से आहट देने लग जाती है…।

नीरज दीवान said...

सुनहरे पल.. अच्छा लगा

Pratyaksha said...

बढिया !

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

यप्प्प्प ...समीर भाई,
बहता पानी है, ये समय का दरिया :)
-- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

दीव्याभ,
आम्ख झपकते ही कली से फूल बन जाती है और उसी के फूल के मुर्झाते
नई कोँपल फूटती दीखलाई देती है ~ यही जीवन चक्र है !
-- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

शुक्रिया नीरज जी ...

-- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

अरे वाह प्रत्यक्षा आज आईँ हैँ तो बडा अच्छा लगा ! :)
-- लावण्या

Dr.Bhawna Kunwar said...

लावन्या जी बहुत अच्छा लगा ये सब देख, पढ़कर !

Rachna Singh said...

mam
when you have some time on hands please do visit my blog and let me have your valuable feedback/comments
thanks http://mypoemsmyemotions.blogspot.com/

Harshad Jangla said...

Lavanyaji

Great collections!
Interesting episode too.
Rgds!

Manish Kumar said...

पहली तसवीर तो लाजवाब है ! शुक्रिया इन्हें बाँटने का लावण्या जी ।

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

भावना जी, आपका आगमन देखकर प्रसन्नता हुई
स ~~ स्नेह,
-- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

Harshad bhai,
Thank you ~`
Rgds,
L

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

मनीष जी,
हाँ यह पारिवारीक तस्वीर सत्य के नजदीक है और शादी के बस कुछ ही पलोँ के बाद ली गई है.
स ~~स्नेह,
-- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

दीपाँजलि जी,
धन्यवाद
स ~~स्नेह,
-- लावण्या

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

रचना जी,
धन्यवादआपका ब्लोग भी देखा और अहुत खुशी हुई.
स ~~स्नेह,
-- लावण्या

Batangad said...

क्या बात है। खूबसूरत झांकी है।