http://www.srijangatha.com/2007-08/September07/usa%20ki%20dharti%20se%20-lshahji.htm
अमरीका से सृजनगाथा के सभी सह्र्दय पाठकों को मेरा राम राम !
सबसे पहले इस लिंक से मेरा 8वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के कवि सम्म्मेलन की संध्या को, हिन्दी फिल्म जगत के मशहूर शायर श्री गुलज़ार जी के सामने कविता पाठ सुनिये। आशा है सभी को पसंद आयेगी यह कविता। मेरी प्रथम काव्य पुस्तक "फिर गा उठा प्रवासी" से ही इसे मैंने चुन कर सुनवाई थी। देखियेगा ये दोनों कडियाँ-
http://lavanyam-antarman.blogspot.com/2007/08/blog-post_16.html।blogspot।com/2007/08/blog-post_16।html
http://wms17.streamhoster.com/vhs2007/vhs-19.wmvstreamhoster।com/vhs2007/vhs-19।wmv
दक्षिण ऐशिया के तथा अन्य सभी मीडिया के पत्रकारों ने इस शाम को खासा महत्व दिया और कई सारे लिखित प्रश्न पहले से अमिताभ जी को दे दिये गये थे जिनमें मूलत: यह जिज्ञासा थी कि उनके यशस्वी पिता के साहित्यकार स्वरुप का क्या असर उनके व्यक्त्तित्व पर पडा ? जिनके उत्तर देते समय अमिताभ जी के शब्दों में, अपने पिता जी के लिये प्रेम व आदर बार-बार मुखरित हो उठा था। उन्होंने कहा कि, " मेरे पिता अक्सर कहा करते थे कि, अगर तुमने जैसे सोचा है वैसा हो जाये तो कहो, "बहुत अच्छा हुआ ! " पर अगर वो ना हो तब कहो, " और भी अच्छा हुआ क्यूँकि एक अदृश्य शक्ति तुम्हारे हित में कार्य कर रही है और वही होगा जो तुम्हारे लिये सर्वश्रेष्ठ है और " जीवन एक संघर्ष है "ये महामंत्र भी डॉ. हरिवंश राय बच्चन जी ने अपने होनहार पुत्र को दिया।
और अब अमरीका की पाती से, परदेस से हमारे भारत देस के सुप्रसिद्ध कवि श्री बच्चन जी एवं उनके मशहूर सिने कलाकार पुत्र अमिताभ जी के बारे मे कुछ समाचार सुनिये -
१८ अगस्त की संध्या को, न्यूयeर्क शहर के विशाल लिंकन सेन्टर मे "बच्चन संध्या " का आयोजन किया गया था। डॉ. हरिवंश राय बच्चन जी (जिन्हें सब प्यार से बाबुजी कहकर बुलाते हैं) की जन्म शताब्दी पर आयोजित इस नृत्य -गीत संध्या में उनके सुपुत्र, प्रसिद्धि के शिखर पर विराजमान सिने कलाकार, श्री अमिताभ बच्चन भी शामिल हुए थे।
www।indianera।com/slideshow/bachchansandhya/index।asp
श्रीमती पुष्पा धर्मवीर भारती जी ने डॉ. हरिवंश राय बच्चन जी की चुनिंदे कविताओं की पुस्तक का संपादन किया है जिसका विमोचन भी श्री अमिताभ जी ने किया -
www।idlebrain।com/community/etc/amitabh-bachchansandhya/pages/image007।html
और ये है लिंक अमिताभ जी का काव्य पाठ "अग्नि पथ अग्नि पथ "
http://s46.yousendit.com/d.aspx?id=0CBSFM933DI0Z0VOXJC953KVV2yousendit।com/d।aspx?id=0CBSFM933DI0Z0VOXJC953KVV2
रससिद्ध कविवर "बच्चन" जी के परिवार की अगली पीढी सिने कलाकार अभिषेक बच्चन अपनी नव परिणिता पत्नी पूर्व विश्व सुँदरी ऐश्वर्या बच्चन के साथ न्यूयोर्क में उपस्थित थे । शायद २००८ में कई सारे शहरों और मुल्कों में वे संगीत का एक विशाल कार्यक्रम पेश करने में संलग्न हैं जिसका नाम रखा गया है " अविस्मरणीय" या अनफोरगेटेबल ।
एक बात ये भी रही कि भारतीय विद्या भवन के संयोजन में हुई "बच्चन संध्या" के प्रमुख अतिथि माननीय श्री अमिताभ बच्चन जी अपनी सारी बातचीत अंग्रेज़ी में ही करते रहे । मैंने उनके स्वर्गीय पिता जी की तस्वीर की ओर देखा । चश्मा के पीछे से उनकी आँखे मुझे और भी गहरे सोच में डूबी सी प्रतीत हुई ! शायद वे सोच रहे थे कि, "विश्व हिन्दी दिवस " तो मना लिया गया, मधुशाला का सम्मान भी हो चुका - काश मेरी हिन्दी का भविष्य, उज्ज्वल हो !
www.indianera।com/slideshow/pressmeet_worldtour/index।asp
१९ अगस्त के दिन भारतीय अभिनेत्री प्रियंका चोपडा मुख्य अतिथि बनकर' इन्डिया डे परेड " में सम्मिलित हुईं -
www।indianera।com/slideshow/FIAParade2007/index1।asp
आम जनता माने अप्रवासी भारतीय मूल के परदेस में बसे लोग भी भारत का प्रतीक, तिरंगा उठाये,मेनहेट्टन मतलब न्यूयार्क शहर की प्रमुख गली से गुजरे थे देखिये ये लिंक -
www।indianera।com/slideshow/fiaparade2007/index2।asp
आप सोच रहे होंगे कि ये सिने-संसार की सैर पर निकले हैं क्या हमलोग ? जी नहीं ऐसी बात नहीं है, अब जो विशेष अतिथि भारत से माने देस से यहाँ परदेस आयें तो उनकी बातें तो आपको बतलाना ज़रुरी है या नहीँ ? सो, बतला दिया पर, ठहरिये, भारत की बिटिया सुनीता विलियम्स जो अंतरिक्ष की सैर करके सकुशल धरती पर लौट आईं हैं वे भी तो भारत की आज़ादी का जश्न मनाने आज न्यूयार्क के रास्तों पर साथ साथ चल रहीं थीं ! देखिये लिंक :
www।indianera।com/slideshow/fiaparade2007/index2।asp
सुनीता विलियम्स का कहना था कि "स्वप्न देखो । और उसे सच में बदल दो! अगर मैं अंतरिक्ष यात्री बन सकती हूँ तो कोई भी अन्य वे कार्य कर सकता है "सुनीता जी साधारण मगर शिष्टतापूर्ण जीवन व्यतीत करतीं हैं और उनके पिता जी श्रीमान पंड्या जी भी इन्डीया डे परड में शामिल हुए थे और उनकी बहन भी मौजूद रहीं और सुनीता का परिचय करवाया
अमरीका से सृजनगाथा के सभी सह्र्दय पाठकों को मेरा राम राम !
सबसे पहले इस लिंक से मेरा 8वें विश्व हिन्दी सम्मेलन के कवि सम्म्मेलन की संध्या को, हिन्दी फिल्म जगत के मशहूर शायर श्री गुलज़ार जी के सामने कविता पाठ सुनिये। आशा है सभी को पसंद आयेगी यह कविता। मेरी प्रथम काव्य पुस्तक "फिर गा उठा प्रवासी" से ही इसे मैंने चुन कर सुनवाई थी। देखियेगा ये दोनों कडियाँ-
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और अब अमरीका की पाती से, परदेस से हमारे भारत देस के सुप्रसिद्ध कवि श्री बच्चन जी एवं उनके मशहूर सिने कलाकार पुत्र अमिताभ जी के बारे मे कुछ समाचार सुनिये -
१८ अगस्त की संध्या को, न्यूयeर्क शहर के विशाल लिंकन सेन्टर मे "बच्चन संध्या " का आयोजन किया गया था। डॉ. हरिवंश राय बच्चन जी (जिन्हें सब प्यार से बाबुजी कहकर बुलाते हैं) की जन्म शताब्दी पर आयोजित इस नृत्य -गीत संध्या में उनके सुपुत्र, प्रसिद्धि के शिखर पर विराजमान सिने कलाकार, श्री अमिताभ बच्चन भी शामिल हुए थे।
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एक बात ये भी रही कि भारतीय विद्या भवन के संयोजन में हुई "बच्चन संध्या" के प्रमुख अतिथि माननीय श्री अमिताभ बच्चन जी अपनी सारी बातचीत अंग्रेज़ी में ही करते रहे । मैंने उनके स्वर्गीय पिता जी की तस्वीर की ओर देखा । चश्मा के पीछे से उनकी आँखे मुझे और भी गहरे सोच में डूबी सी प्रतीत हुई ! शायद वे सोच रहे थे कि, "विश्व हिन्दी दिवस " तो मना लिया गया, मधुशाला का सम्मान भी हो चुका - काश मेरी हिन्दी का भविष्य, उज्ज्वल हो !
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सुनीता विलियम्स का कहना था कि "स्वप्न देखो । और उसे सच में बदल दो! अगर मैं अंतरिक्ष यात्री बन सकती हूँ तो कोई भी अन्य वे कार्य कर सकता है "सुनीता जी साधारण मगर शिष्टतापूर्ण जीवन व्यतीत करतीं हैं और उनके पिता जी श्रीमान पंड्या जी भी इन्डीया डे परड में शामिल हुए थे और उनकी बहन भी मौजूद रहीं और सुनीता का परिचय करवाया
6 comments:
आडियो वीडियो कवरेज के लिए शुक्रिया.. सूचनाप्रद
बहुत अच्छा लगा लावन्याजी...बहुत-बहुत शुक्रिया हमे सुनाने के लिये...
शानू
नीरज जीं,
आपको पसंद आया ..तो लिखना सफल हुआ ..आप की संजू बाबा की आरती वाकई गजब लिखी है आपने और अन्य postings भी बहोत पसंद आयीं --
स स्नेह,
-- लावन्या
You r most welcome Sunita jee ..
:-)
sneh,
L
वाह जी, आपकी वजह से हमने भी दर्शन प्राप्त कर लिये.धन्य टाईप के हो गये. आभार. :)
समीर भाई,
धन्य टाइप के ?? अजी आप तो पहले से सब को धन्यता बाँटते हैँ
आपकी उदारमना टिप्पणीयोँ से ..
हम आपके स्नह भाजन हैँ जिसकी खुशी है ...
स्नेह के साथ :-)
लावण्या
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