Thursday, August 30, 2007
फटा ट्वीड का कोट और कलिका गुलाब की
तुम्हेँ याद है क्या उस दिन की
नए कोट के बटन होल मेँ,
हँसकर प्रिये, लगा दी थी जब
वह गुलाब की लाल कली ?
फिर कुछ शरमा कर, साहस कर,
बोली थीँ तुम, " इसको योँ ही
खेल समझ कर फेँक न देना,
है यह प्रेम -भेँट पहली ! "
कुसुम कली वह कब की सूखी,
फटा ट्वीड का नया कोट भी,
किन्तु बसी है सुरभि ह्रदय मेँ,
जो उस कलिका से निकली !
( फरवरी १९३७, रचना प्रवासी के गीत काव्य सँग्रह से : नरेन्द्र शर्मा )
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7 comments:
Lavanyaji
Beautiful poem.
What is "Kalika" ?
Kalika se nikli Surbhi.. means?
Kalika = means a BUD or Kalee in Gujrati ..
& Kaalika = is the name of goddess durga ..
So Kalika se nikli Surbhi = is,
The Fragrance that flowed from that Bud ...
वाह, क्या बात है!!!
बहुत सुंदर !
पढ कर अच्छा लगा .
समीर भाई, प्रत्यक्षा, प्रियँकर जी - धन्यवाद !
वाह!
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