Soon this link will be put on the official page also
"कोटी कोटी कंठों से गूंजे, जय माँ, जय जय भारती "
ये शब्द हैं कविता के
ये शब्द हैं कविता के
विश्व हिंदी सम्मेलन में , कविता पाठ का लिंक
(श्री अनुप भार्गव जीं के सौजन्य से )
" फिर गा उठा प्रवासी "
मेरी हिंदी कविता की किताब छप के तैयार है :~~
इसी पुस्तक से मेरी एक कविता सुनाने का मौका मिला
जिस किताब का मुख पृष्ठ
,मेरे , गुनी , युवा कालाकार साथी ,
श्री विजेंद्र विज ने तैयार किया है :~~
Vij विज
http://vijendrasvij.blogspot.com/
जिनकी हाल ही में शादी हुई है,
सौभाग्यवती बेटी संगीता मनराल के साथ
सौभाग्यवती बेटी संगीता मनराल के साथ
3 comments:
जी, मैने सुना था. बहुत अच्छा लगा. आभार लिंक का. :)
वाह लावन्या जी बेहतरीन आवाज की धनी है आप...बहुत अच्छा लगा आपको सुन कर...
सुनीता(शानू)
समीर भाई -- शानू जी,
आप दोनोँ का बहुत बहुत आभार !
स स्नेह,
-- लावण्या
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