Friday, April 6, 2007

दीपक और लावण्या

लावण्या

" बाबुल , छूट चला तेरा अँगना ".
..मेरे पापाजी के साथ, अँतिम बार, कन्या रुप मेँ, हमारे घर की गेलेरी मेँ खडे हुए - मैँ और पापाजी, पँडित नरेन्द्र शर्मा
मेरी खास सहेली, सुधा त्रिवेदी, नीली साडी मेँ, मैँ दुल्हन के भेस मेँ , वरमाला लिये और बडी बहन स्व. वासवी बकुल मोदी गुलाबी साडी मेँ, दुल्हे राजा = दीपक, का स्वागत करतीँ हुईँ श्रीमती सुशीला नरेन्द्र शर्मा, राजेन् गुलाबदास गोदीवाला के साथ
९ नवम्बर, १९७४ दीपक और लावण्या के ब्याह के अवसर पर / साँताक्रुज,बम्बई, आर्य समाज मँदिर

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